महासमुंद के सिंघोडा ग्रामीण बैंक के प्रबंधक एवं चौकीदार के रिश्वत लेने के मामले को क्षेत्रीय प्रबंधक ने झूठा फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी को लिखा पत्र , प्रबंधक ने बैंक के नियमों के अनुरूप ऋणी को ऋण अदा करने हेतु  की थी पैसों की मांग   

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रायपुर / एसीबी रायपुर की टीम द्वारा दिनांक 09.10.2020 को कार्यवाही करते हुए ग्रामीण बैंक शाखा सिंघोड़ा, जिला महासमुंद के शाखा प्रबंधक मनीष प्रभाकर एवं उसके सहायक कर्मचारी  हेमलाल यादव को पिड़ित से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया था । इस मामले में ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी महासमुंद को पत्र लिखकर ऋणी द्वारा झूठा फंसाये जाने की बात कही है | 

उन्होंने इस पत्र में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की अल्पकालीन कृषि ऋण माफ़ी योजना 2018 जारी की गई थी | उक्त योजना के अनुसार दिनांक 30.11.2018 की तिथि पर बकाया ऋण राशि पर ऋण माफ़ी का प्रावधान था | उक्त योजना के अंतर्गत दिनांक 01.12.2018 के पश्चात की ब्याज राशि ऋण माफ़ी में शामिल नहीं है | तथा संबंधित ऋणी से वसूली योग्य है | संपूर्ण ऋण अदा होने के पश्चात ही भुईया पोटर्ल से ऋणी की भूमि पर प्रभार हटाया जा सकता है | उन्होंने पत्र में बताया कि उनकी शाखा सिंघोड़ा के ऋणी संतराम कोंड द्वारा शाखा प्रबंधक मनीष प्रभाकर से अपने भुईया पोटर्ल से स्वयं एवं बड़ी माता मथुरा कोंड की भूमि में प्रभार दर्ज हटाने हेतु आग्रह किये जाने पर शाखा प्रबंधक द्वारा ऋणी को सूचना दी गई कि ऋण की शेष राशि बैंक में ऐडा करने के पश्चात भुईया से प्रभार हटा दिया जायेगा | पत्र में बताया गया कि संतराम कोंड एवं मथुरा कोंड के शाखा सिंघोड़ा में कर्ज बकाया है | दिनांक  09.10.2020 को ऋणी संतराम द्वारा अबिंक में कार्यालीन समय लगभग 12 बजे शाखा परिसर ऋण अदा करने हेतु पांच हजार रूपये अपने ऋण पुस्तिका के साथ लाया तथा बैंक के  दैनिक वेतन कर्मचारी को पर्ची भरने हेतु दिया एवं दो हजार और लेकर आ रहा है कहकर परिसर से बाहर चला गया | इसके बाद ऋणी संतराम कोंड अपने साथ एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के साथ बैंक में दाखिल हुआ | उन्होंने पत्र में बताया कि इसके बाद हमारे शाखा प्रबंधक पर भुईया से प्रभार हटाने हेतु रिश्वत का झूठा आरोप लगाने लगा | जबकि उसके द्वारा अदा करने हेतु दी गई राशि पांच हजार रूपये बैंक काउंटर 1 में दैनिक वेतन कर्मचारी द्वारा सुरक्षित रखी गई थी | 

इस संबंध में अग्रिम कार्यवाही करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो के अधियकृ द्वारा मामला पंजीबद्ध करते हुए शाखा के शाखा मनीष प्रभाकर एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हेमलाल यादव को गिरफ्तार कर महासमुंद जेल हेज दिया गया | पत्र में क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि उक्त प्रकरण में शाखा प्रबंधक ने बैंक के नियमों के अनुरूप ऋणी को ऋण अदा करने हेतु पैसे की मांग की थी जिसे ऋणी द्वारा रिश्वत परिभाषित करते हुए झूठे आरोप में फंसाया गया है | इस तरह की घटना घटित होने पर बैंक सेवायुक्तों का मनोबल गिरेगा जिससे सेवायुक्त बैंक एवं शासन का कार्य निर्भीकता से नहीं कर पाएंगे एवं भय का वातावरण बना रहेगा | 
क्षेत्रीय प्रबंधक ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी महासमुंद से आग्रह किया है कि उक्त प्रकरण में अपना हस्तक्षेप करते हुए हमारे बैंक के शाखा सिंघोड़ा के शाखा प्रबंधक मनीष प्रभाकर एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सुरक्षा प्रदान करने हेतु अपना आवश्यक सहयोग प्रदान करने की कृपा करे |         

उधर मैनेजर के खिलाफ हुई कार्रवाई को ग्रामीण बैंक के अन्य शाखाओं के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी गलत बताया है। ग्रामीण बैंक महासमुंद के मैनेजर हीरालाल साहू और सरायपाली के मैनेजर रणधीर कुमार ने बताया कि किसान का खाता एनपीए खाता है। वर्ष 2018 तक काकेसीसी लोन माफ होने के बाद उसके ब्याज और नोटिस चार्ज की राशि 7500 रुपए होती है, जो कि बैंक के ऑन रिकार्ड में शामिल है। ऐसे में किसान से पैसे जमा करने कहा गया था। ये कार्रवाई सरासर गलत है।