नई दिल्ली / कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को अचानक खुशबू सुंदर को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया है। खुशबू सुंदर दक्षिण भारत मे कांग्रेस पार्टी की चर्चित चेहरा और मुखर नेता के रूप में जानी जाती है | उन्होंने 200 से ज्यादा दक्षिण भारतीय और बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है। टीवी और मीडिया में कई राष्ट्रीय बहस में वे पार्टी की रीति और नीति को ठोस तरीके से रखती थी | बताया जाता है कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों में वे पार्टी के स्टेंड को लेकर असहज महसूस कर रही थी | जानकारी के मुताबिक शनिवार और रविवार को राहुल गाँधी समेत पार्टी के कुछ नेताओं से उनकी कहा सुनी भी हुई | बताया जाता है कि मामला हाथरस में राहुल – प्रियंका के दौरे और राजस्थान में पुजारी की हत्या को लेकर पार्टी की रणनीति से जुड़ा था |
खुशबू सुंदर 2014 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई थीं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे फ़ौरन भाजपा में शामिल होने पर विचार कर रही है | यदि ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के लिए काफी नुकसान दायक भी होगा | जबकि भाजपा के लिए दक्षिण में एक नया चेहरा स्थापित होगा | दरअसल राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके चलते खुशबू सुंदर पार्टी के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है | उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वे कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ रही है | इस्तीफे से पूर्व उन्होंने पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया | कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि ‘कुछ तत्व पार्टी के भीतर उच्च स्तर पर बैठे हैं, जिनका जमीनी हकीकत या सार्वजनिक मान्यता से कोई जुड़ाव नहीं है, वे आदेश दे रहे हैं।’
जानकारी के मुताबिक बीजेपी को खुशबू सुंदर के रूप में तुरुप का पत्ता हाथ लगा है | चर्चा है कि यदि वे भाजपा में शामिल होती हैं तो पार्टी उन्हें 2021 विधानसभा चुनावों में उतार सकती है। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के सूत्रों ने कहा, ‘खुशबू तमिलनाडु में भाजपा की धारणा को बदल सकती हैं।’ लोकप्रिय अभिनेत्री अतीत में कई पार्टियों का हिस्सा रही हैं। 2010 में वे डीएमके में शामिल हुई थीं। तब राज्य में पार्टी सत्ता में थी। उस समय उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है कि मैंने सही निर्णय लिया है। मुझे लोगों की सेवा करना बहुत पसंद है। मैं महिलाओं की भलाई के लिए काम करना चाहती हूं।’
हालांकि खुशबू सुंदर ने चार साल बाद पार्टी छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था | जब उन्होंने डीएमके छोड़ी तो कहा था, ‘द्रमुक के लिए कड़ी मेहनत एक तरफा रास्ते की तरह था।’ उसी साल 2014 में सोनिया गांधी से मिलने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गईं थी। तब उन्होंने कहा था, ‘आखिरकार मैं अपने घर आ गई हूं। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भारत के लोगों के लिए अच्छा और देश को एकजुट कर सकती है।’ हालांकि कांग्रेस ने 2014 में उन्हें न तो लोकसभा का टिकट दिया और न ही उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया था। हालाँकि राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में उन्हें स्थापित कर दक्षिण में कांग्रेस का चेहरा बना कर उन्हें प्रभावशील बना दिया था | फ़िलहाल देखना होगा कि खुशबू सुंदर बीजेपी का दामन थामती है या फिर डीएमके कैंप में वापस लौटती है |