छत्तीसगढ़ के सुकमा में कांग्रेस का हल्लाबोल धरना प्रदर्शन, महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री के जयंती को किसान मजदूर बचाओ दिवस के रूप में मनाया , कृषि प्रधान देश में अन्नदाताओं के खिलाफ षड्यंत्र बताते हुए केंद्र सरकार से बिल वापस लेने की करी मांग   

0
17

रिपोर्टर-रफीक खांन

सुकमा – लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि विधेयक पास होने के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार आज सुकमा जिला मुख्यालय में कांग्रेसियों का हल्लाबोल विरोध प्रदर्शन रहा । एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री जी के जयंती अवसर पर उनके छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया तत्पश्चात विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की गई । विरोध प्रदर्शन में सुकमा जिले के कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता शामिल हुये । सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश ने कहा कि कृषि प्रधान देश में अन्नदाताओं के खिलाफ षड्यंत्र रचकर भाजपा सरकार ने हमारे देश की आत्मा पर प्रहार किया है। यह बिल कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों के हाथों में गिरवी रखने वाली हैं।इस बिल को पूरी तरह से किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार किसान विरोधी है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए ।

कवासी हरीश ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा जबकि देश के किसान बर्बाद हो जाएंगे। आगे बताया कि कांग्रेस पार्टी किसानों के हित के लिए सड़क से लेकर संसद तक पूरी शिद्दत के साथ यह लड़ाई लड़ेगी । सुकमा जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा श्रीमती माहेश्वरी बघेल ने कहा कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में पारित किसान विधेयक देश में पिछले 50 से अधिक वर्षों में स्थापित हुई कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देंगी । कृषि विपणन विधेयकों से किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य और उनकी सरकारी खरीद की प्रणाली खत्म हो जाएगी। किसानों के साथ मंडी में कार्यरत कई मजदूर बेरोजगार और छोटे व्यापारी भी बर्बाद हो जाएंगे ।

विरोध कर रहे सुकमा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष करन सिंह देव का तर्क है कि संसद में पारित विधेयक मंडी व्यवस्था को ख़त्म कर देंगे और किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे । मोदी सरकार सरकार इन विधेयकों के ज़रिए कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट जगत को सौंपना चाहती है । सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने किसान विरोधी बिल का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि सरकार किसानों को खत्म करने के साथ ही कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। केंद्र सरकार कहती है कि इस बिल से किसान अपनी फसलों को देश के कोई भी राज्य में कहीं भी ले जाकर बेच सकते हैं । मैं मोदी सरकार से यह पूछना चाहता हूं कि आज की स्थिति में किसान अपनी फसलों को एक जिले से दूसरे जिलों में ले जाने की स्थिति में नहीं हैं । ऐसे में किसान दूसरे प्रदेशों में अपनी फसलों को कैसे बेच पायेंगे। साहू ने दावा किया कि ये ‘काले कानून’ किसानों और मजदूरों के शोषण के लिए बनाए जा रहे हैं। किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था । लेकिन मोदी सरकार के ‘काले’ क़ानून किसान-खेतिहर मज़दूर का आर्थिक शोषण करने के लिए बनाए जा रहे हैं । ये बिल कार्पोरेट जगत तबका का नया रूप है । और मोदी जी की नीयत भी किसी से छिपी हुई नहीं है । कि उनका उद्योगपतियों से कितना गहरा संबंध है । छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के महासचिव दुर्गेश राय ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह काला कानून है किसानों को और गरीब बनाकर उन्हें उद्योगपतियों के समक्ष बंधुआ मजदूर बनाने का प्रयास किया जा रहा है । इस बिल से देश के मंडियों को खत्म किया जा रहा है । आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि देश में मोदी सरकार द्वारा हिटलरशाही शासन चलाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है । इस षड्यंत्र को हमे समझ कर इस किसान विरोधी बिल का पुरजोर विरोध करना होगा । धरना प्रदर्शन के पश्चात सभी कांग्रेसी पदयात्रा कर केंद्र सरकार के खिलाफ किसान विरोधी नारे लगाते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे एवं महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के नाम ज्ञापन सौंपा ।

इस दौरान किसान मजदूर बचाओ आंदोलन के प्रभारी राजूराम नाग, नगर कांग्रेस अध्यक्ष शेख सज्जार, किसान कांग्रेस अध्यक्ष शेख औलिया, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अदम्मा मरकाम वरिष्ठ पार्षद श्रीमती लालम्मा, रामसुख यादव, वार्ड पार्षद श्रीमती पदमा जायसवाल,पार्षद प्रताप समरथ,एल्डरमैन मो. हुसैन,भूतपूर्व पार्षद रम्मू राठी, गादीरास उपसरपंच सिंह चौहान, एल्डरमैन सुनील राठी, एल्डरमैन हरि सेठिया, एल्डरमैन दिनेश दास, तरुण जायसवाल,रिंकू दास, मनोज गुप्ता,सुनील यादव,बिल्लू सागर, विशाल साह, सरपंच कोसा मरकाम, नागारास सरपंच जोगा कवासी, गादीरास सरपंच माड़वी कोसा, एवं समीर खान सहित सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।