लखनऊ / हाथरस गैंगरेप मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है | इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है | राहुल-प्रियंका के हाथरस में हल्ला बोल अभियान के बाद राज्य सरकार ने अपने तेवर कड़े कर लिए है | इस कांड को लेकर यूपी पुलिस ने बड़ा बयान दिया है। पुलिस के मुताबिक हाथरस मामले में मृतक लड़की से दुष्कर्म नहीं हुआ था। आगरा में विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के बाद ये दावा यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने यह बयान जारी कर प्रदर्शन करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है | उन्होंने कहा कि मामले को अनावश्यक तूल देकर माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि हाथरस कांड को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है।
गैंगरेप की कथित घटना के उजागर होने के बाद मामले की तफ्तीश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा की है | इसके बाद प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है | यह कमेटी मामले की जांच कर रही है। इस बीच सफदरजंग अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़िता की गर्दन के साथ शरीर में कई फ्रैक्चर होने का खुलासा हुआ था। रिपोर्ट में रीढ़ को गर्दन से जोड़ने वाली हड्डी में फ्रैक्चर होने की बात कही गई है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा है हाथरस मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। प्रशांक कुमार ने कहा, ‘शव परिवाजनों के साथ लाकर अत्येंष्टि की गई। जो मृत्यु का कारण आया है वो गले में चोट होना बताया गया है। इस बीच जो विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक रिपोर्ट) की रिपोर्ट अब प्राप्त हो गई है कि जिसमें बताया है कि जो सैंपल लिए गए थे उनमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है।’ दरिंदगी की शिकार लड़की ने 16 दिन बाद मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इसके बाद हाथरस से लेकर दिल्ली तक राजनीती गरमा गई |
मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉल के जरिए बुधवार रात लड़की के पिता से बात की | उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया गया । सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मृतका के परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी देने की घोषणा की गई है | यही नहीं पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये की मदद के साथ ही हाथरस शहर में एक मकान भी देने का वादा किया गया है |
पुलिस ने पीड़िता का शव उनके परिजनों को देने की कोशिश की , लेकिन दोनों पक्ष उस समय आमने सामने आ गए जब पीड़िता के परिजनों ने शव को लेकर प्रदर्शन करने का एलान कर दिया | इस दौरान एंबुलेंस में मृतका के शव को उसके घर के सामने से पुलिस जब श्मशान स्थल की ओर जाने लगी तो परिवार की महिलाएं एम्बुलेंस के आगे लेट गईं। इस पर पुलिस ने लाठियां भांजी और उन्हें घसीटकर हटा दिया। घटनास्थल पर पुलिस की इस कार्रवाई ने राज्य सरकार को विवाद में ला खड़ा किया | दरअसल, इस पूरे मामले में प्रशासन ने जिस तरह संवेदनहीनता बरती उससे पूरी सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। बताया जाता है कि गैंगरेप पीड़िता को पहले तो समय पर इलाज नहीं मिला | फिर जिस तरह परिजनों के विरोध के बावजूद पुलिसकर्मियों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया उससे प्रशासन की मंशा पर भी सवाल उठे है । फ़िलहाल हाथरस मामले में इंसाफ के बजाये राजनीति चमकाने के प्रयास भी तेज हो गए है | राहुल प्रियंका के हल्लाबोल को विपक्ष इसी कड़ी से जोड़कर देख रहा है |