लखनऊ / 19 वर्षीय दलित युवती के साथ दरिंदगी और फिर पुलिसवालों की अमानवीयता से पूरे देश में आक्रोश है। तो वहीं, इस कांड के बाद विपक्ष के निशाने पर आये योगी सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की यह टीम सात दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी। बताया जाता है कि एसआईटी में दलित और महिला अधिकारी भी शामिल हैं। गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम एसआईटी के सदस्य होंगे। सीएम योगी ने पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने के निर्देश भी दिए है। इस मामले में चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया है। सीएम ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के भी आदेश दिए हैं।
परिजनों और गांवों वालों के भारी विरोध के बीच देर रात लगभग डेढ़ बजे मृतक युवती का शव उसके गांव बूलगढ़ी पहुंचा, जहां पुलिस प्रशासन द्वारा पहले से ही उसके अंतिम संस्कार की तैयारी करके रखी गई थी | लेकिन परिजन हिंदू धर्म की रीति के अनुसार इस समय अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए थे | पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें काफी मनाने का प्रयास किया गया था | लेकिन परिजन अपनी बात पर अडिग रहे |
युवती की मां हाथ जोड़कर अधिकारियों से गुहार लगाती रही कि उसकी बेटी की सुबह के समय अंतिम संस्कार किया जाए, लेकिन अधिकारियों के सामने उसकी एक न चली और अधिकारियों द्वारा परिजनों को दरकिनार कर युवती के शव को जबरन श्मशान घाट ले जाया गया, जहां आनन-फानन में पुलिस कर्मियों द्वारा चिता सजाकर युवती के शव का दाह संस्कार कर दिया गया |
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गौरतलब है कि 14 सितंबर को युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था | इसके बाद आरोपियों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था | यह घटना चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में हुई | सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई | हालांकि मौत से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी | यूपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की इस हरकत को कायराना बताया है।