नई दिल्ली / हाल ही में मुंबई हाईकोर्ट ने सेक्स वर्कर के हितों को ध्यान में रखते हुए कहा था कि अब देह व्यापार अपराध नहीं, बल्कि किसी भी वयस्क महिला को अपना पेशा चुनने का अधिकार में शामिल है | इस फैसले के साथ ही अदालत ने देह व्यापार के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपी महिलाओं को रिहा करने के निर्देश दिए थे | इस फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि देह व्यापार में शामिल औरतों व लड़कियों से बिना किसी पहचान पत्र की मांग किए उन्हें सूखा राशन मुहैया करवाया जाए। ट्रांसजेंडर की तर्ज पर 1,500 रुपए प्रतिमाह मुहैया कराने के सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर केंद्र के वकील ने कहा कि वह इस पर सरकार से निर्देश लेकर अदालत को सूचित करेंगे।
अदालत ने कहा कि राज्य सरकारें राशन समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने पर हलफनामा दाखिल करें। सभी राज्य सरकारें देह व्यापार में शामिल लोगों को राशन कार्ड मुहैया कराने समेत अन्य व्यवस्थाओं पर जवाब दाखिल करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन और जिले की संस्थाओं द्वारा जिन देह व्यापार में शामिल औरतों को पहचान की गई है, उन सभी को राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश सूखा राशन मुहैया कराए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि राशन देने के दौरान सरकारी एजेंसियां राशन कार्ड मांगने पर जोर न दे। कोरोना महामारी के दौर में देह व्यापार में शामिल औरतों व लड़कियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश उनके लिए एक राहत लेकर आया है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते देश में मार्च के महीने से लॉकडाउन लगा दिया गया था। वहीं, अब सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके चलते कोरोना संकट के बीच लोग धीरे-धीरे अपनी सामान्य दिनचर्या में शामिल हो रहे हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना संक्रमण की वजह से भूखमरी की कगार पर पहुंच चुके देह व्यापार में शामिल महिलाओं की हालत बेहद खराब बताई जा रही है | उन महिलाओं और उनके परिवारों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है | सेक्स वर्कर की समस्या पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 4 हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि इन 4 हफ्तों में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों ने कितने किसानों को सूखा राशन मुहैया कराया है।