रायपुर / रायपुर की VIP रोड में आवाजाही के रास्ते में नियम कायदों को दरकिनार कर निर्मित किये गए क़्वींस क्लब को क्या शासन की ओऱ से हुक्का बार और शराब परोसने का लाइसेंस दिया गया है ? इस बात की चर्चा जोरो पर है | दरअसल रायपुर में कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए कड़ा और टोटल लॉकडाउन जारी है | इस बीच रविवार रात इस क्लब में आयोजित एक बर्थडे पार्टी में युवतियों के साथ हुई छेड़छाड़ को लेकर एक शख्स ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला दी | गोली की आवाज सुनकर और उस शख्स के हाथों में लहराती पिस्टल देखकर पार्टी में भगदड़ मच गई |
लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी | मौके पर पहुंची पुलिस ने गोली चलाने वाले शख्स को अपनी हिरासत में ले लिया | लेकिन पार्टी में मौजूद तमाम लोग भाग निकले | भागने वालों में एक प्रभावशील युवती का नाम भी सामने आ रहा है जो कांग्रेस के एक बड़े नेता की रिश्तेदार है | यह युवती अपने साथियों के साथ बर्थडे पार्टी में शामिल होने के लिए भिलाई से रायपुर पहुंची थी |
बताया जाता है कि स्थानीय पुलिस के संरक्षण और जानकारी में यह बर्थडे पार्टी आयोजित की गई थी | दरअसल रायपुर में टोटल लॉकडाउन के बावजूद कई होटलों – रेस्टोरेंट और क्लबों में रात भर नाचने गाने और शराब पिलाने का विशेष लाइसेंस स्थानीय थानों से जारी करने की परम्परा है | बस इसके लिए थानेदार साहब को लाइसेंस फ़ीस नगद जमा करानी होती है |
एयरपोर्ट रोड स्थित क़्वींस क्लब में इसी लाइसेंस के तहत बर्थडे पार्टी आयोजित की गई थी | इस पार्टी में कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए तमाम लोग छत्तीसगढ़ सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालियां निशान लगा रहे थे | दुर्ग और भिलाई के अलावा अन्य इलाकों से लोग बगैर किसी ई – पास के आवाजाही कर रहे थे | जानकारी के मुताबिक नशे में धुत्त लोगों के बीच हितेश पटेल नामक शख्स ने अचानक हवा में गोली दाग दी |
बताया जाता है कि नशेड़ियों की इस पार्टी में किसी युवती के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी | इस दौरान विवाद इतना बढ़ा कि हितेश पटेल ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से फायर कर दिया | 40 वर्षीय यह शख्स दुर्ग का रहने वाला ैहै | वो अक्सर शराब पीने के लिए इस क्लब में आता है | नशेड़ियों के लिए यह क्लब उत्तम ठिकाना बताया जाता है | दरअसल यहाँ चौबीसों घंटे शराब और शबाब परोसे जाने की सुविधा प्राप्त है | इसलिए प्रदेश भर के कई इलाकों से उन्नत किस्म के नशेड़ी यहाँ डेरा डालते है |
जानकारी के मुताबिक मार्च माह से जारी लॉकडाउन के बावजूद क़्वींस क्लब में प्रदेशव्यापी शराबखाना संचालित रहा | यहाँ शराब के अलावा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई | इस घटना के पूर्व लॉकडाउन के दौरान ही इस क्लब में हुक्का बार संचालित पाए जाने पर तत्कालीन तेलीबांधा थानाप्रभारी ने बगैर दवाब मे आये छापामार कार्रवाई कर हुक्का समेत कई कर्मियों को हिरासत में लिया था | हालाँकि बड़े अधिकारीयों और नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला रफा – दफा कर दिया गया |
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प्रशासन ने ना तो क़्वींस क्लब का लाइसेंस रद्द किया और ना ही इसके भागीदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई की | इस मामले में भी फिर यही हस्ताक्षेप सामने आ रहा है | इसका नतीजा भी जल्द लोगों के सामने आ जायेगा | दरअसल लॉकडाउन के नियम कायदे, शराब और हुक्का परोसे जाने का लाइसेंस राज्य शासन द्वारा आम लोगों पर लागू किया गया है, उन लोगों पर नहीं जो सत्ता के करीब है |