छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शिवसेना अवतार, पार्टी कार्यकर्ता गुंडे मवालियों की तरह पत्रकारों पर करने लगे हमले, कांकेर में पत्रकारों के साथ मारपीट और बदसलूकी, आरोपियों को पुलिस का संरक्षण

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रिपोर्टर – रफीक खान

जगदलपुर / छत्तीसगढ़ के कांकेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिवसैनिकों की तर्ज पर पत्रकारों पर हमला बोला है | कांग्रेसी कार्यकर्ता कानून हाथ में लेकर सत्ता का खौफ पैदा कर रहे है | नक्सल प्रभावित कांकेर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सरे राह स्थानीय पत्रकारों की पिटाई कर दी | हमले से पूर्व इन पत्रकारों के साथ गाली गलौज और बदसलूकी की गई | पीड़ित पत्रकारों ने जब स्थानीय पुलिस में शिकायत की तो पुलिस ने आरोपियों पर सामान्य धाराओं पर मामला दर्ज कर खानापूर्ति कर दी | इस घटना का प्रदेश में चौतरफा विरोध हो रहा है | सत्ता में आने से पूर्व कांग्रेस ने पत्रकारों पर हमले रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का ऐलान किया था |

लेकिन अब स्थिति ठीक उलट होती जा रही है | कांग्रेसी कार्यकर्ता ही सत्ता में मदहोश हो कर पत्रकारों पर हमले कर रहे है | उधर सरकार भी ऐसे मामलों को लेकर जरा भी गंभीर नजर नहीं आ रही है | कांकेर में स्थानीय पत्रकार सरकार के रवैये से दुखी है | सिर्फ कांकेर ही नहीं राज्य के तमाम जिलों में पत्रकारों को कांग्रेसी खौफ का सामना करना पड़ रहा है | इस मामले को लेकर राज्य भर में पत्रकारों ने कांग्रेस सरकार की आलोचना की है | कांकेर में इस घटना के खिलाफ पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया |

बताया जाता है कि कांकेर में समाचारों से नाराज हो कर कांग्रेस के पार्षद समेत कई कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पत्रकार कमल शुक्ला पर हमला बोल दिया | शिकायत के मुताबिक स्थानीय विधायक प्रतिनिधि गफ्फार मेमन और गणेश तिवारी ने कई पत्रकारों के साथ बदसलूकी की | इस दौरान उन्होंने पत्रकार कमल शर्मा के साथ गाली गलौज और मारपीट भी की | हैरत वाली बात यह है कि सिर्फ कांकेर ही नहीं राज्य के दर्जनों जिलों में पत्रकारों पर हमले और उन पर झूठे मुकदमे दर्ज करने की घटनाये सामने आ रही है | जबकि राज्य सरकार दावा कर रही है कि वो पत्रकारों की हिफाजत के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की योजना पर काम कर रही है |

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छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर लगातार बढ़ रहे प्रताड़ना के मामलों को लेकर पत्रकारों में रोष देखा जा रहा है | उधर कांकेर में हुई इस घटना की तीखी निंदा हो रही है | मामले को तूल पकड़ते देख स्थानीय पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया | लेकिन मामूली धाराओं में मामला दर्ज होने से सरकार की मंशा साफ़ नजर आ रही है |