रिपोर्टर-उपेंद्र डनसेना
रायगढ़। रायगढ़ शहर में इन दिनों एक बार फिर से अमृत मिशन योजना के तहत कई बरसो बाद बनी नई सडक़ों को खोदकर न सिर्फ तहस-नहस कर दिया गया है। बल्कि नगर निगम की लापरवाही के कारण सडक़ों में उडऩे वाली धूल से लोगों को इन मार्गो से गुजरना एक सजा से कम नही है। इसके अलावा खोदे गए गड्डे एवं सडक़ों में बिखरे मलबे कभी भी किसी बेगुनाह के लिए मौत की वजह बन सकती है।
रायगढ़ शहर बीते कई सालों से जर्जर सडक़ों से जूझ रहा है। इन जर्जर सडक़ों की वजह से हादसों का ग्राफ भी पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गया है। इन जर्जर हो चुकी सडक़ों में कुछेक जगहों की सडक़ ही हालत सुधरी थी। मगर बीते मार्च महीने में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिले में लगने वाले लॉकडाउन के दौरान शहर की कई सडक़ों को अमृत मिशन योजना के दौरान पाईप लाईन बिछाने तोड़ दिया गया। इतना ही नही बरसात मौसम के दौरान गली मोहल्लों में अमृत मिशन योजना के तहत तोड़े गए सडक़ों एवं उनमें मिट्टी डाल दिए जाने की वजह से कई लोग सडक़ में गिर कर घायल भी हो चुके हैं। कुल मिलाकर लोगों के लिए यह योजना अब सिर्फ मुसीबत का सबब ही बनकर रह गया है।
शहर का सर्किट हाउस मार्ग जो कि कई आंदोलन, कई ज्ञापन के बाद बना है। उस मार्ग में अमृत मिशन योजना के तहत इन दिनों काम चालू है। इस योजना के तहत नई बनी सडक़ों को खोदकर कर उसका मलबा तो जहां-तहां फेंक दिया गया है, और उन गड्डो को भरने के लिए उसमें मिट्टी पाट दी गई है। शहर के सर्किट हाउस मार्ग में छोटे से लेकर भारी वाहनों की सुबह से लेकर देर शाम तक आवागमन चालू रहता है। ऐसे में अमृत मिशन योजना के तहत गड्ढो में डाली गई मिट्टी वाहनों के चलने से उडऩे पर इस मार्ग पर चलने वाले राहगिरों एवं आसपास के दुकानदारों के लिए किसी मुसीबत से कम नही है। साथ ही साथ गड्ढो का कुछ मलबा सडक़ो में बिखरा पड़ा है जिससे कभी भी कोई वाहन सवार फिसलकर चोटिल हो सकता है।
हमारे संवाददाता ने जब इस क्षेत्र के लोगों से चर्चा की तो उनका कहना था कि अमृत मिशन योजना शहर वालों के लिए जी का जंजाल बन चुका है। उनके द्वारा अच्छी खासी सडक़ को खोदकर सडक़ में ही कथित कब्रिस्तान बना दिया गया है। आक्रोशित शहरवासियों का कहना है कि यदि अमृत मिशन के तहत सडक़ें खोदी ही जानी थी तो पहले से प्लांनिग करके सडक़ खोदकर पाईप डालने के बाद नई बनी सडक़ों को बनाया जाना चाहिए था। मगर निगम प्रशासन की अदूरदर्शिता और लापरवाही के कारण शहर के कई मार्गो की करोड़ो रुपए की सडक़ फिर से खोद डाली गई है। लोगों ने यह भी कहा कि शहरवासी एक लंबे अर्से से अच्छी सडक़ का सपना संजोए हुए हैं। मगर उनका सपना सिर्फ सपना बनकर रह गया है। शहरवासियों का यह भी कहना था कि एक तो कोरोना संक्रमण से पूरा जिला जूझ रहा है। आए दिन शताधिक संख्या में कोरोना मरीज निकलकर सामने आ रहे हैं। ऊपर से धूप छांव का मौसम होनें की वजह से लोग बीमार पडक़र कोरोना की गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में सडक़ों में उडऩे वाली धूल से भी लोग बीमार होकर कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। इस मामले में नगर निगम की उदासीनता समझ से परे है। नगर निगम को कम से कम इस मार्ग में उडने वाली धूल को देखते हुए पानी का छिडक़ाव करना चाहिए, ताकि इस मार्ग पर गुजरने वालों को होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके।
लापरवाही खुलकर आ रही सामने- पिंटू सिंह
इस संबंध में युवा जनता कांगे्रस छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष पिंटू सिंह का कहना था कि शहर में जब से अमृत योजना के तहत कार्य किया जा रहा है, नगर निगम एवं संबंधित ठेकेदार के द्वारा लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। गली मोहल्ले के साथ-साथ शहर के लोग इससे अच्छे खासे परेशान है। वहीं इस मार्ग के उडऩे वाले धूल से लोगों को जूझना पड़ रहा है। युवा जनता कांगे्रस छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष ने इस निर्माण में घटिया स्तर का आरोप भी लगाया है।