रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना
रायगढ़ । वन मंडलाधिकारी रायगढ़ मनोज पांडे के मार्गदर्शन में लगातार लकड़ी तस्करों पर वन अमला कार्रवाई कर रही है। एक दिन पहले जहां तमनार वन परिक्षेत्र में लगभग दो लाख का चिरान पकड़ा गया। वहीं गुरूवार की शाम को सारंगढ़ वन परिक्षेत्र के वनकर्मियों ने तकरीबन एक का अवैध सागौन चिरान पकडऩे में सफलता हासिल की है। मुखबिर की सूचना पर वन अमला ने यह कार्रवाई की और मामले में आरोपी के खिलाफ पीओआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक सारंगढ़ वन अमला को मुखबिर से सूचना मिली कि सारंगढ़ परिक्षेत्र के बरमकेला प. स. वृत्त के ग्राम अमझर में रहने वाला धोबालाल जायसवाल के घर में अवैध सागौन चिरान रखा हुआ है। इसके बाद सारंगढ़ वन परिक्षेत्र के वन अमला ने मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। तब डीएफओ मनोज पांडे के निर्देशन, एसडीओ एआर बंजारे के मार्गदर्शन में वनपाल जोगेन्द्र सिंह ठाकुर, बरमकेला डिप्टी रेंजर अर्जुन मेहर सहित अन्य स्टाप मुखबिर द्वारा बताए गए ठिकाने पर दबिश दी। जहां अमझर निवासी धोबालाल जायसवाल के घर में जांच करने पर 115 नग सागौन का चिरान व पांच नग सागौन बल्ली बरामद हुआ। वहीं जब्त चिरान का घन मीटर निकाल कर उसके मूल्य का आंकलन किया जा रहा है, पर अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग एक लाख का अवैध चिरान होगा। फिलहाल चिरान को जब्त करते हुए विभागीय अमला ने आरोपी के खिलाफ पीओआर दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
रायगढ़ से कार्रवाई की हुई शुरूआत
पिछले दिनों रायगढ़ वन परिक्षेत्र में वनक्षेत्रपाल लीला पटेल, रेंजर राजेश्वर मिश्रा व उनकी टीम ने आरामिल जांच करने के बाद लाखों का अवैध लकड़ी जब्त करते हुए एक फर्नीचर मार्ट व एक आरामिल को सील कर दिया था। ऐसे में लकड़ी तस्करों के बीच हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई, लेकिन उच्चाधिकारियों के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई के बाद रायगढ़ वन मंडल में लगातार कार्रवाई जारी है। रायगढ़ वन परिक्षेत्र के बाद घरघोड़ा एसडीओ के निर्देशन में गुरूवार को तमनार में करीब दो लाख का अवैध चिरान पकड़ा गया और अब सारंगढ़ रेंज में यह बड़ी कार्रवाई की है। लगातार हो रही इस कार्रवाई के बाद लकड़ी तस्करों पर लगाम लगने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
क्या कहते हैं डीएफओ
इस संबंध में रायगढ़ वन मंडलाधिकारी मनोज पांडे का कहना था कि लकड़ी तस्करों पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। ताकि वन अपराध करने वालों के बीच वन विभाग का भय बना रहे। विभाग द्वारा अपने मुखबिर तंत्र को पहले से अधिक मजबूत किया जा रहा है और वन अपराध रोकने लगातार कार्रवाई जारी रहेगा।