नई दिल्ली / कृषि सुधार से जुड़े विधेयकों के खिलाफ किसान आज सड़कों पर हैं। किसान यूनियनों ने आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया। इस भारत बंद के दौरान देश में राजमार्ग एवं रेल पटरियां बाधित हो सकती हैं। हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में किसानों के प्रदर्शन का असर राजधानी दिल्ली में दिख सकता है। इस देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन समिति, ऑल इंडिया किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन ने किया |
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके एवं टीआरएस सहित करीब 18 पार्टियां ने बंद का अपना समर्थन दिया है। सीटू, एटक एवं हिंद मजदूर सभा सहित 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन किसानों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर कर सकते हैं। किसानों का ‘रास्ता रोको’ और ‘रेल रोको’ आंदोलन से आम जनजीवन पर असर पड़ सकता है। किसानों को आशंका है कि इन विधेयकों के लागू हो जाने के बाद फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो सकता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून एवं व्यवस्था एवं कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। पंजाब में किसान ‘रेल रोको’ आंदोलन चला रहे हैं। यहां किसान आज ‘भारत बंद’ में भी हिस्सा ले रहे हैं। पंजाब में किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व किसान मजदूर संघर्ष समिति कर रही है। समिति ने ‘रेल रोको’ आंदोलन चलाया है। समिति का यह अभियान 24 सितंबर से 26 सितंबर तक चलेगा।
किसानों के प्रदर्शन एवं ‘भारत बंद’ को देखते हुए सरकार ने एहतियाती कदम उठाए हैं। प्रदर्शन को देखते हुए 13 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है। अंबाला रेलवे स्टेशन के निदेशक बीएस गिल ने कहा कि हम पंजाब में ट्रेनों के आवगमन से बच रहे हैं।
भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसलिए इन कृषि सुधार विधेयकों का विरोध कर रही हैं क्योंकि इनके आ जाने से ‘कट मनी’ आनी बंद हो जाएगी। विजयवर्गीय ने कहा कि वह किसानों को भरोसा देने चाहते हैं कि इन विधेयकों से उनका शोषण समाप्त हो जाएगा।