बड़ी खबर : आसाराम बापू पर लिखी गई किताब के प्रकाशन पर लगी रोक हटाई गई, दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटा

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नई दिल्ली / दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को टालते हुए आसाराम पर लिखी गई किताब ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन: द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम कनविक्शन’ को जारी करने पर लगी रोक हटा दी है। अदालत ने प्रकाशक हार्पर कॉलिन्स को एक डिस्क्लेमर जारी करने का निर्देश दिया कि जिसपर लिखा हो- सजा के खिलाफ अपील लंबित है। आसाराम पर लिखी किताब पर रोक के बाद प्रकाशक की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाया | पुस्तक के प्रकाशक हार्पर कॉलिंस की तरफ से ये अपील हाइकोर्ट में इसलिए दाखिल की गई थी क्योंकि निचली अदालत ने पुस्तक के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। निचली अदालत ने इस किताब के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाते हुए अपना आदेश दिया कि बलात्कार के मामले में दोषी पाए जाने के खिलाफ आसाराम की अपील अभी राजस्थान हाईकोर्ट में विचाराधीन है। 

दिल्ली हाइकोर्ट ने आसाराम पर लिखी गई पुस्तक के प्रकाशन को प्रतिबंधित करने के खिलाफ दाखिल की गई अपील पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला 9 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था। हार्पर कॉलिंस ने हाईकोर्ट में लगाई अपील में आसाराम के ऊपर लिखी गई किताब ”गनिंग फॉर द गॉडमैन: द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम कन्विक्शन” के प्रकाशन पर लगी अंतरिम रोक को हटाने का अनुरोध किया था | 

हार्पर कॉलिंस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा की यह प्रवृत्ति अब बहुत बढ़ गई है कि पुस्तक के विमोचन के दौरान लोग कोर्ट जाकर एकतरफा स्टे-ऑर्डर ले आते हैं | पुस्तक वितरकों के पास तक पहुंच चुकी है | सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि पुस्तक की 5 हजार प्रतियां छप चुकी हैं | 5 सितंबर को इसका विमोचन होना था, लेकिन 4 सितंबर को कोर्ट की तरफ से किताब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था | प्रकाशक की तरफ से इस मामले में वकील के तौर पर पेश हुए कपिल सिब्बल का तर्क था कि ये पुस्तक बलात्कार के मामले के रिकॉर्ड के आधार पर लिखी गई है और यह जांच अधिकारी की अपनी कहानी है | पूरी कहानी सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्यों और आसाराम व शिल्पी को दोषी करार दिए जाने के फैसले पर आधारित है | 

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