रायपुर / छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण और संक्रमित मरीजों के मौत के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है। रोजाना अलग-अलग जिलों से हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, राजधानी रायपुर में भी हालात खराब होते नजर आ रहा है। हालात को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में लॉक डाउन लगा दिया गया है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि सितंबर से रायपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर में फिर से लॉकडाउन लगाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार प्रदेश की राजधानी रायपुर में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए 22 सितंबर से 10 दिन तक लॉकडाउन लगया जा सकता है। लॉकडाउन को लेकर आधिकारिक गाइडलाइन आना बाकी है।
अफसरों का दावा है कि इस बार लॉकडाउन पहले से ज्यादा सख्त होगा। पिछले बार दो हफ्ते के लॉकडाउन में सख्ती नहीं की गई थी। इस बार सुबह से शाम तक जरूरी चीजों को छोड़कर सभी कारोबार बिल्कुल नहीं खोले जाएंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद रहेगा, लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी लगेगी। लोगों को जरूरी खरीदारी के लिए सुबह ही छूट दी जाएगी, वह भी कुछ देर के लिए। लेकिन इस बार सड़क पर दोपहर 12 बजे के बाद से किसी को निकलने की इजाजत नहीं होगी। जो निकलेंगे, उनकी गाड़ियां जब्त करके कोर्ट में पेश करने तथा एफआईआर का भी प्रस्ताव है।
प्रशासन का दावा है कि व्यापारियों के सुझाव पर ही लॉकडाउन किया जा रहा है। संगठनों का कहना है कि हर बाजार में लगातार लोगों की भीड़ रहती है। इस वजह से संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। भीड़ कम करने के लिए शहर में लॉकडाउन से बेहतर कोई उपाय नहीं है। प्रशासनिक सूत्रों के संकेत मिले हैं कि फिलहाल 22 से 30 सितंबर तक लाॅकडाउन घोषित किया जा सकता है। उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर फिर कोई निर्णय लिया जाएगा। शहर में बढ़ते संक्रमण और लोगों की हो रही मौतों की वजह से रायपुर के सामाजिक संगठन वायएमएस यूथ फाउंडेशन ने लॉकडाउन की मांग उठाई थी।
संस्था के महेंद्र सिंह होरा ने बताया कि हमने सोशल मीडिया पर इसे लेकर हमने व्यापारी, राजनीतिक संगठन और प्रशासनिक अफसरों से मांग की थी। अब यदि लॉकडाउन लगता है तो शहर में भीड़ कम होगी, संक्रमण का खतरा कम होगा और जांच बढ़ेगी। अस्पतालों पर भी बोझ कम हो सकता है। जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर से कल भी 672 नए मामले सामने आये थे | वही, प्रदेश अब तक सामने आए कुल 81617 संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से 44392 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं और 645 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 36580 मरीजों का उपचार जारी है।