कोरोना से जंग सुकमा में अडिग खड़े हैं कोरोना वॉरियर्स,आमजन को सेवाएं पहुंचाने दिन रात हैं मुस्तैद, अबतक 16 हजार 500 सैंपल का जांच जिसमे से केवल 1026 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

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रिपोर्टर रफीक खांन

सुकमा / कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जहां पूरी दुनिया की रफ्तार थम सी गई है। आम जन की दिनचर्या में बदलाव होने लगे हैं। संक्रमण से बचाव हेतु हर कोई शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन के साथ ही अपनी जुगत करने में लगे हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में भी कुछ लोग हैं जो अपने सेहत का ख्याल रखते हुए, दिन रात अपनी सेवा आम जनों तक पहुंचा रहे हैं। वे कोरोना को चुनौती देते अडिग खड़े हैं, दूसरो को सेवा पहुंचाने के साथ अपने परिवार और खुद की हिफाजत का भी पूरा ध्यान रखे हुए । इन जिम्मेदार और चैकस लोगों को हम कोरोना वॉरियर्स के नाम से जानते हैं।

*हर विभाग निभा रहा अपनी भागीदारी

ऐसा नहीं है कि कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य अमला ही जुटा हुआ है। इस महामारी से बचाव के लिए शासन प्रशासन के हर विभाग ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है और निभा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि सुकमा जिले में अब तक कोरोना भयावह रूप नहीं ले पाया है। जिले के स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों सहित अन्य लोगों ने भी अपनी सहभागिता से इस महामारी को अब तक जिले में गंभीर रूप से फैलने नहीं दिया है।

एक ओर जहां स्वास्थ्य अमले ने घरों घर जाकर लोगों की कोरोना जांच की, वहीं एम्बुलेंस ड्राइवरों ने भी अपनी भागीदारी निभाते हुए हर पॉजिटिव मरीज को त्वरित उपचार और स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके इसलिए दिन रात मुस्तैद हैं। जिले में चलाए जा रहे हर वार्ड कोरोना जांच के कारण ही अब तक लगभग 16 हजार 500 सैंपल का जांच किया जा चुका है जिसमे से केवल 1026 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।

जिले में दो कंट्रोल रूम से हो रही है सतत् निगरानी

सुकमा में कोरोना पर निगरानी के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं जहां से हर पल कोरोना कि मॉनिटरिंग की जाती है। पहला कंट्रोल रूम जिला कोविड कंट्रोल रूम है जहां सतत् मॉनिटरिंग के साथ ही प्रतिदिन के जांच, रिपोर्ट, और मरीजों कि संख्या का ब्यौरा रखा जाता है। गत दिवस पूर्व ही जिले में दूसरा कंट्रोल रूम बनाया गया है जिससे होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की मोनिटरिंग की जाती है। यह कंट्रोल रूम जिला अस्पताल में ही बनाया गया है।