नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़, एक रूपये में 100 का नोट तैयार कर भीड़भाड़ वाली जगह में चला देते, 4 आरोपी गिरफ्तार

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भोपाल / मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी हासिल हुई है | कोहेफिजा थाना पुलिस ने नकली नोट छापने वाले जबलपुर और भोपाल के रहने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है | पुलिस को आरोपियों के पास से 70 हजार रुपये के नकली नोट मिले हैं | उन्होंने आरोपियों के पास से नकली नोट छापने वाले प्रिंटर, मोबाईल और कई अन्य सामान भी बरामद किये है | गिरोह 60,000 रुपये के नकली नोटों को 30,000 रुपये में बेच दिया करता था | गिरफ्तार के बाद पूछताछ में आरोपियों का कहना है कि 100 के नोट चलाना आसान होता है। वह भीड़-भाड़ वाली जगह और जुए आदि में खपा देते थे। करीब 2 साल से यह कारोबार कर रहे थे। अब तक कितने नोट चला चुके हैं, इसका खुलासा नहीं हो सका है।

कोहेफिजा पुलिस ने जहांगीराबाद इलाके से एक फैक्ट्री पर दबिश दी थी | जिसमे चार आरोपियों को नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस इन तक एक फरार आरोपी की तलाश करते हुए पहुंची थी। मौके से पुलिस ने प्रिंटर, स्कैच पेन, कटर समेत अन्य सामान जब्त किए हैं। यह सिर्फ 100-100 रुपए के नोट ही तैयार करते थे। मौके से 13 हजार के नकली नोट भी जब्त किए हैं। फरार आरोपी हबीब की निशानदेही पर अंकित अहिरवार उर्फ केतन, आयुष पियाणी और संदीप शाक्या को गिरफ्तार किया गया।

सीएसपी नागेंद्र पटैरिया ने कहा कि यह गिरोह संगठित होकर काम कर रहा था। कोहेफिजा पुलिस को नकली नोट मामले में हबीब की तलाश थी। उसने 18 जुलाई को सागर में रहने वाले दो लोगों को 32 हजार रुपए के असली नोट के बदले 66 हजार के नकली नोट दिए थे। लालघाटी पर एक शराब दुकान पर नोट खपाने के दौरान दोनों पकड़े गए थे। हबीब फरार था। उसकी निशानदेही पर जहांगीराबाद इलाके में चल रही नकली नोट की फैक्ट्री पर दबिश दी थी। अब इस मामले में तबरेज की तलाश की जा रही है। यह फैक्ट्री उसी के घर में चल रही थी। उसका एक साथी खालिद कुरैशी जेल में बंद है। उसकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।

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आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि एक नोट बनाने पर करीब एक रुपए का खर्च आता है। इसके बाद उसे ग्राहक की डिमांड पर छापते थे। कई ग्राहक 50 रुपए में खरीदते थे, जबकि कई इससे अधिक भी रकम देते थे। ऐसे में इन्हें एक रुपए पर करीब 49 रुपए का कम से कम फायदा होता था। हालांकि प्रिटिंग के बाद नोट का असली नोट से मिलन करने में समय लगता था। सही तरह से मिलान होने के बाद ग्राहक को नोट सौंप दिए जाते थे। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है | पुलिस के अनुसार गिरोह का एक सदस्य अब भी फरार बताया जा रहा है | फ़िलहाल पुलिस जाँच कर रही है |