वाह रे आबकारी विभाग, चाहे कितनी भी फैली बीमारी, हमारा इंकम होना चाहिए, पिछले दिनों शराब दुकान के सेल्सकर्मी हुए थे पॉजिटिव, पर अब तक सील नहीं हुई दुकान, लोगों का मानना शराब के साथ बीमारी भी परोस रहे, रायगढ़ के चक्रधर नगर शराब दुकान का मामला

0
6

रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना

रायगढ़ / कोरोना वायरस से लोगों को बचाने व जागरूक करने के लिए प्रशासन व पुलिस अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं, पर विडबंना है कि कुछ ऐसे भी शासकीय विभाग हैं, जो इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और सुबह से लेकर शाम तक इस महामारी में लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। कुछ इसी तरह की स्थिति आबकारी विभाग में देखने को मिल रही है। चक्रधर नगर अंग्रेजी व देशी शराब की दुकान के सेल्सकर्मी पिछले दिनों पॉजिटीव पाए गए, पर दुकानों को सील करने के बजाए अब भी यहां धड़ल्ले से शराब की बिक्री की जा रही है। अधिकारी यह तर्क दे रहे हैं कि हमने दुकान को सेनेट्राईज करा दिया है और कर्मचारी बदल दिए हैं।

कोरोना महामारी जिले में लगातार बढ़ रहा है। आकड़ो के मुताबिक जिले में अब तक 3872 पॉजिटिव मिल चुके हैं और इसमें अभी भी एक्टिव मरीजों की संख्या 1403 है। इसके अलावा इस बीमारी से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मौत का आकड़ा काफी बड़ा है। खास बात यह है कि कोरोना महामारी जिले में संचालित अन्य सरकारी कार्यालयों में भी दस्तक दे चुकी है। इसमें सारंगढ़, सरिया, शहर के चक्रधर नगर, कोतवाली थाना में पदस्थ पुलिसकर्मी पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। थानों में पॉजिटिव केस आने के साथ ही एसपी संतोष कुमार सिंह ने एहतियात के तौर पर तत्काल इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित थानों को सील कर दिया था। वहीं उक्त थानों का कामकाज दूसरे थानों से संचालित किया गया, ताकि न तो और कर्मचारी इस बीमारी के चपेट में आए और न ही अन्य लोग इससे संक्रमित हो। इसके अलावा नगर पालिक व अन्य सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हुए। वहीं भी इसी तरह की सावधानी रखते हुए कार्यालयों को बंद किया गया, लेकिन आबकारी विभाग ने ऐसा कुछ भी नहीं किया वह सिर्फ अपने इंकम पर ही जोर दे रहा है। चक्रधर नगर रोड पर संचालित अंग्रेजी व देशी शराब दुकान के चार कर्मचारी पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, लेकिन न तो शराब की बिक्री इस दुकान से बंद हुई और न ही दुकान को सील किया गया। ऐसे में हर दिन लोग यहां शराब लेने पहुंच रहे हैं और अब लोगों का यह मानना है कि यहां शराब के साथ साथ कहीं बीमारी भी तो नहीं परोसी जा रही ?

डर-डर कर रहे सेल्सकर्मी काम
बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि जब नई शराब नीति लागू हुई, तब यहां काम करने के लिए बेरोजगार युवकों ने सिक्योरिटी मनी जमा कर वहां काम पाया था। अब जब शराब दुकान से पॉजिटिव निकले हैं तो यहां के कर्मचारी भयभीत हैं और डर डर काम कर रहे हैं। मजबूरी यह है कि यदि वे काम करने से इंकार करते हैं, तो उन्हें घर का रास्ता दिखा दिया जाएगा और काम करते हैं तो कोरोना संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।

कमाऊपूत कैसे मारे लात
जिला मुख्यालय रायगढ़ के चक्रधर नगर का शराब दुकान आबकारी विभाग का कमाऊपूत है। यहां प्रतिदिन एक अनुमानित बिक्री के अनुसार चार से पांच लाख रुपए की बिक्री होती है। इस लिहाज से यह शहर का सबसे ज्यादा आय देने वाला शराब दुकान है। यही वजह है कि यहां हर ब्रांड के शराब मिलने का दावा भी अधिकारी करते हैं। इसकी वजह से भी इस शराब दुकान को भी विभाग बंद कराना नहीं चाहता, चाहे कोरोना संक्रमण ही क्यों न बढ़ जाए।

वर्सन
चक्रधर नगर शराब दुकान से दो गार्ड और एक देशी व एक अंग्रेजी दुकान का सेल्सकर्मी पॉजिटिव पाए गए थे। उनका तबियत ठीक नहीं लग रहा था, तो वे पहले से छुट्टी में थे। उनका चेकअप करवाए और जिस दिन पता चला उस रात को दुकान बंद था। इसके बाद पूरे स्टाप का भी जांच कराया गया। दुकान को पूरी तरह सेनेट्राईज किया गया। पूरा स्टाफ बदल दिया गया। दूसरे दुकान से स्टाफ लाकर काम कराया गया। जैसा भी निर्देशित किया गया वैसा ही नियमानुसार कार्य किया गया। कोविड का जो निर्देश है उसी के हिसाब से कार्य किया गया।

मंजूश्री कसेर
आबकारी अधिकारी, रायगढ़

ये भी पढ़े : नक्सलियों को धूल चटाने वाला CRPF का ASI हार गया जिंदगी की जंग, सर्विस रायफल से खुद को मारी गोली, मौके पर ही मौत, जांच में जुटी पुलिस