कवर्धा के आदिवासी की हत्या मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज को दूसरी बार लिखा पत्र, पुलिस- नक्सली मुठभेड़ की जांच की मांग की

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक और चिट्ठी लिखी है। 24 घंटे के अंदर लिखी गई इस दूसरी चिट्ठी में उन्होंने इस बात पर ऐतराज किया है कि कवर्धा के एक आदिवासी की मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा हत्या करने को उन्होंने संज्ञान नहीं लिया।मंत्री ने बालाघाट में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की जांच की मांग की है।

अकबर ने एक दिन पहले लिखी गई चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा है यह मामला बेहद गंभीर है। अभी तक मध्य प्रदेश सरकार ने इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। अकबर ने कहा कि छह सितंबर को मध्य प्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के एक निर्दोष आदिवासी की हत्या कर दी और दूसरे आदिवासी की हत्या का प्रयास किया, जो बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि राज्य के आदिवासी समाज में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने शिवराज से अनुरोध किया कि इस संवेदनशील प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच तत्काल की जाए और छत्तीसगढ़ सरकार को इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए।

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कवर्धा जिले के बालसमुंद गांव के आदिवासियों की मुठभेड़ में जान गई थी। इस मौत को मध्य प्रदेश पुलिस जहां नक्सली मुठभेड़ के दौरान गोली लगने की बात बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आदिवासी संगठन मध्य प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बेकसूर आदिवासी की हत्या की गई है। छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसकर झामसिंग को गोरी मारा गया है, उसकी लाश को उठाकर एमपी के बॉर्डर में ले जाकर फर्जी रूप से नक्सली दिखाने की साजिश की जा रही है, जबकि यह सीधे तौर पर एनकाउंटर का मामला है। इसमें दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए । साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा भी मिलना चाहिए।