जिस लड़की ने पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब की शिनाख्ती कर फांसी के फंदे तक पहुंचाया उस बहादुर लड़की की किसी ने नहीं ली सुध, आखिरकर अदालत में बैसाखी पर खड़ी होकर उस वक्त मात्र 9 साल की इस लड़की के अब तक के सफर पर फरमाए गौर , आज ऐसी है उसकी हालत 

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नई दिल्ली / मुंबई में होटल ताज में हुए आतंकी हमले को देश कैसे भूल सकता है | लेकिन देश के कर्णधारों ने उस बहादुर बच्ची को भुला दिया , जिसने आतंकी कसाब को फांसी के फंदे तक पहुँचाया था | साल 2008 में 26 नवंबर को हुए मुंबई हमले के दौरान गोली लगने के बाद अदालत में आतंकवादी अजमल कसाब की पहचान करने वाली 9 साल की लड़की देविका रोटावन इन दिनों पैसे पैसे को मोहताज है | उसका परिवार लॉकडाउन के बाद से  गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है | हालत ये है कि इस परिवार के पेट भरने के लाले पड़े है | पीड़ित परिवार को तत्काल मदद की आवश्यकता महसूस की जा रही  है। महाराष्ट्र के विधायक जीशान सिद्दीकी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। 

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देविका अब  20 साल की हो चुकी है , उसे अब पढाई लिखाई के साथ साथ रोजगार की भी आवश्यकता है | गौरतलब है कि आतंकी कसाब को सजा दिलवाने में देविका की महत्वपूर्ण भूमिका रही | लेकिन किसी ने भी इस घटना के बाद उसकी सुध तक लेना मुनासिब नहीं समझा | इस परिवार की खराब माली हालत की खबर मिलने के बाद विधायक जीशान सिद्दीकी देविका के बांद्रा (पूर्व) में स्थित उसके आवास पर मिलने पहुंचे थे । उन्होंने इस मुलाकात के बाद कहा कि वह उसकी कहानी से प्रेरित हैं और राज्य सरकार से उनकी बहादुरी के लिए उसे पुरस्कृत करने का आह्वान करते हैं।

विधायक जीशान सिद्दीकी ने इस मामले को लेकर ट्वीट भी किया | अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि ‘देविका रोटावन से मिला। यह बहादुर लड़की 9 साल की थी जब उसने 26/11 हमले के बाद अदालत में आतंकवादी कसाब की पहचान की थी। उसने मुझे अपनी बुलेट का घाव दिखाया और मैंने उसकी प्रेरणादायक कहानी सुनी। जब मुझे उसकी वित्तीय हालात के बारे में पता चला तो उसे चेक देने के लिए बांद्रा ईस्ट में उसके घर गया!’ 

सिद्दीकी ने कहा, ‘मैं माननीय मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि इस बहादुर लड़की देविका को विशेष कोटा के तहत मुंबई में एक घर दिया जाए। मैं उस के लिए एक पत्र लिखूंगा! हमें उसे बहादुरी के लिए पुरस्कार देना चाहिए। ये महा विकास अघाड़ी सरकार की तरफ से सराहना का एक बेहतरीन टोकन होगा!’

देविका उस समय चर्चा में आई थी जब 11 साल पहले रोटावन बैसाखी की मदद से उसने अदालत में खड़ी होकर आतंकी अजमल कसाब की पहचान की थी | उसने इस आतंकी पर निशाना साधते हुए अदालत को बताया था कि यही वो पाकिस्तानी आतंकवादी है , जिसने कई लोगों पर गोली चलाई थी |  26 नवंबर की रात को याद करते हुए उसने अदालत में कहा था कि ‘एक जोरदार धमाका हुआ। मेरे पिता ने कहा कि हमें निकलना चाहिए और मुझे अपनी बाहों में पकड़कर वह एक दिशा में दौड़ना शुरू कर देते हैं, जबकि मेरा भाई दूसरी दिशा में भाग गया। जैसे ही हम जा रहे थे मैंने देखा कि दो लोग लोगों पर फायरिंग कर रहे थे। मेरे दाहिने पैर में गोली लगी थी।’ न्यूज टुडे से चर्चा करते हुए विधायक सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने इस बहादुर लड़की के लिए संवेदनशीलता दिखाई है , अब बारी राज्य सरकार की है |