नई दिल्ली / मॉनसून सत्र के शुरू होते ही संसद में पहले दिन वित्त मंत्रालय ने संसद को बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी सहित 38 लोग 1 जनवरी 2015 से 31 जनवरी 2019 के बीच देश छोड़कर भागे हैं | वित्त मंत्रालय के मुताबिक सभी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है |
इधर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को भारत से लाइव वीडियो लिंक के जरिए भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में हीरा कारोबारी की ओर से गवाही दी थी, जिसको भारत सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने चुनौती दी है | काटजू ने कहा था कि नीरव मोदी को भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा |
इस मामले को लेकर 5 दिन की सुनवाई के अंतिम दिन जस्टिस सैमुअल गूजी ने काटजू की विस्तृत गवाही सुनने के बाद मामले की सुनवाई 3 नवंबर तक स्थगित कर दी | तीन नवंबर को वह भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सबूतों की स्वीकार्यता से संबंधित तथ्यों पर सुनवाई करेंगे |
जानकारी के मुताबिक, भगोड़े व्यापारी विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. दरअसल, माल्या ने 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसमें बैंक लोन ने देकर 40 मिलियन डॉलर अपने परिजनों के खाते में ट्रांसफर किए जाने को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का मामला माना था | राजनीती के जानकार बता रहे है कि मोदी के कार्यकाल में देश से रफू चक्कर हो चुके घोटालेबाजों को लेकर विपक्ष केंद्र पर हमलावर रुख अपना सकता है |
कोरोना काल में हो रहे संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल के साथ सांसदों के निजी विधेयक की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा ने प्रश्नकाल को पूरे सत्र के दौरान खत्म करने के सरकार के प्रस्ताव को पारित कर दिया।
इस फैसले पर गंभीर सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। वहीं सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि वह अपनी जवाबदेही से भाग नहीं रही और सदन में विपक्ष के उठाए सभी सवालों का जवाब देगी।