बड़ी खबर : कोरोना पर नई रिसर्च जीवन जीने के लिए सहायक, 2021 के अंत तक सामान्य नहीं हो पायेगा जन जीवन, मशहूर कोरोना विशेषज्ञ का दावा, कहा- वायरस की प्रकृति के अनुसार मनुष्य को ढलना होगा

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नई दिल्ली / देश दुनिया में बड़ी बेसब्री के साथ कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतज़ार हो रहा है | कहा जा रहा है कि नए साल तक यह तैयार हो सकेगी | बाजार में उपलब्ध होने से लेकर आम इंसानों तक पहुंचने में इसे लंबा वक़्त लगेगा | इस बीच अमेरिका के प्रख्यात कोरोना वायरस विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि 2021 के अंत तक जिंदगी सामान्य होने की उम्मीद नहीं है|

फाउची ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन मदद करेगी, लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं| उनका ये भी मानना है कि कोरोना की जितनी वैक्सीन पर काम हो रहा है, उनमें से किसी एक को 2020 के अंत तक या 2021 में मंजूरी मिल जाए | फाउची ने वैक्सीन को लेकर कई तरह के दावे किये | उन्होंने कहा कि भले ही वैक्सीन को इस साल के आखिर तक या अगले साल मंजूरी मिल जाती है, लेकिन यह सभी लोगों के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं हो पाएगी|

एक इंटरव्यू में फाउची ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन और सप्लाई की जरूरत होगी. 2021 के मध्य या अंत तक आबादी के बड़े हिस्से को वैक्सीन देने और उन्हें सुरक्षित करने का काम पूरा होता नहीं दिखता | उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कामयाबी और सौ प्रतिशत गेरेंटी काफी कठिन प्रक्रिया है |

उन्होंने कहा कि जितनी भी कोरोना वैक्सीन पर फिलहाल काम चल रहा है, उनमें से ज्यादातर को फ्रीजर में ठंडा रखना होता है| फाउची ने कहा कि वैक्सीन के कोल्ड स्टोरेज को लेकर भी समस्या पैदा होती है| एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए कोल्ड चेन बनाना पड़ता है | उन्हें अंदेशा है कि इस चेन के टूटने से वैक्सीन की गुणवक्ता पर असर पड़ेगा |

फाउची ने लोगों को वैक्सीन लगने से पहले तक सुरक्षित रहने की सलाह दी है | उन्होंने रेस्त्रां-बार और अन्य जगहों पर लोगों की भीड़ लगने की घटना पर भी चिंता जताई है | लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने वालों से उन्होंने कहा कि वे सोच सकते हैं कि वे गंभीर बीमार नहीं होंगे| लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए उनके संक्रमित होने से अन्य लोग भी बीमार हो जाएंगे| उन्होंने कहा कि लोग कोरोना को लेकर गलत जानकारी भी फैला रहे जिसकी वजह से वायरस से लड़ाई और भी मुश्किल हो गई है|

फाउची ने कहा कि उन्हें यह तथ्य काफी परेशान करता है कि कई लोग इन दिनों बिना वैज्ञानिक सबूत के कोरोना वायरस के इलाज का दावा कर रहे है | यह उन लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है, जो इस पर निर्भर रहकर टेस्ट कराने में परहेज कर रहे है |

उन्होंने कहा कि कई दवाओं के बारे में दावा किया जाता है कि इनके काफी फायदे हैं, ऐसी थ्योरी को खारिज करने में उनका और अन्य विशेषज्ञों का काफी समय बर्बाद हो जाता है | इस वैज्ञानिक ने लोगों को सलाह दी कि वे कोरोना वायरस की प्रकृति के अनुसार खुद की दिनचर्या ढाल ले | वर्ना अंजाम भुगतने को तैयार रहे |