हाथी में बैठाकर जंगल भ्रमण कराने की तैयारी जुटा प्रशासन , पिंगला अभ्यारण्य में दो हाथियों को भेजा ट्रेनिंग के लिए |

0
17

अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रशासन इस बार पर्यटकों को लुभाने के लिए हाथी में बैठाकर जंगल भ्रमण कराने की तैयारी पर है । जिसके लिए एटीआर विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी है । जल्द ही पर्यटक हाथी में बैठकर जंगल सफारी का मजा ले सकेंगे । एटीआर प्रबंधन ने इसके लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व के दो हाथियों को तमोर पिंगला अभ्यारण्य में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया है ।

एटीआर के स्थापना के बाद से पर्यटकों को जंगल भृमण कराने के लिए अभी तक सिर्फ जिप्सी की मदद से ही घुमाया जाता था | लेकिन अब पर्यटकों को हाथी पर बैठाकर पुरे एटीआर की सैर कराई जाएगी । वर्तमान में एटीआर में 4 हाथी उपलब्ध है जिनमे पूर्णिमा और जंगबहादुर नाम के हाथियों को ट्रेनिंग के लिए तमोर पिंगला अभ्यारण्य भेजा गया है । एटीआर में जीवो के संरक्षण के लिए किया जा रहा है विशेष उपाय एटीआर प्रशासन की माने तो अचानकमार टाइगर रिजर्व में लगातार वन्य जीवों की संख्या बढ़ती जा रही है । जिसमे मुख्य रूप से बाघो की संख्या में इजाफा होते जा रहा है । वही दूसरे जंगली जानवर भी लगातार बढ़ रहे है बताया गया कि जब से एटीआर बन्द किया गया था ,  तब से जानवरो की संख्या बढोत्तरी जारी है | एटीआर प्रशासन द्वारा लगातार वन्य जीवों के संरक्षण और विकास पर बल दिया जा रहा है ।

मुंगेली जिले की शान कहे जाने वाली अचानकमार टाइगर रिजर्व जो कि मैकल पर्वत श्रंखला में बसा हुआ है  | जिसकी स्थापना 1974 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत की गई थी । इसके बाद 2007 में इसे बायोस्फियर और 2009 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था । लगभग 914 वर्ग किलोमीटर में फैला ये टाइगर रिजर्व डालने अंदर अनेको जैव विविधता समेटे हुए है | एटीआर को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है  | जिसमे बफर जोन और कोर जोन आते हैं, जिसमे कोर जोन करीब 649 वर्ग किलोमीटर में फैला है तो वहीं बफर जोन का क्षेत्रफल 265 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है । एटीआर में जीव जंतुओं की बात करें तो यहां कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते है यहां के जंगलों में बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न, गिलहरी, बायस, भालू, हिरन, चीतल समेत लगभग 50 से ज्यादा स्तनधारी जीव और अलग अलग प्रकार के 200 से ज्यादा पक्षियों के प्रजाति पाए जाते है ।