रायपुर / छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन जिलों में कोयले पर गब्बर सिंह टेक्स वसूले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है | बताया जा रहा है कि ED ने इस मामले में अपनी निगाहें गड़ा दी है | कहा जा रहा है कि जिस तरह से गब्बर सिंह टेक्स के रूप में बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी इक्कठा हो रही है वो गब्बर और उसकी टोली के अलावा उन दाताओं पर भारी पड़ सकती है , जो इस गैर क़ानूनी गतिविधि में सहभागी बन रहे है | यह भी कहा जा रहा है कि ब्लैक मनी की उगाही और संरक्षण को लेकर दमखम दिखा रहे अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों पर भी ED की नजर है | सूत्र बता रह है कि पद के दुरूपयोग और कार्यप्रणाली को लेकर ऐसे अफसरों के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय और DOPT कारण बताओं नोटिस जारी कर सकता है |
राज्य के आधा दर्जन जिलों में घोषित रूप से इक्कठा की जा रही ब्लैक मनी को लेकर कई एजेंसियां सचेत हो गई है | इस मामले की रायपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चा हो रही है | आम आदमी पार्टी ने गब्बर सिंह टेक्स का संज्ञान लिया है | यही नहीं यह अवैध वसूली कई कांग्रेसी नेताओं की जुबान पर भी है | हालांकि इसे वो ना तो स्वीकार कर पा रहे है और ना ही अस्वीकार | पार्टी के कई नेताओं ने गब्बर सिंह टेक्स की हकीकत जानने के लिए प्रभावित जिलों के कारोबारियों और अपने संपर्क सूत्रों और नाते-रिश्तेदारों से भी मामले की पड़ताल करवाई | हकीकत जानने के बाद उनके भी पैरों तले जमीन खिसक गई |
दरअसल कई बड़े कारोबारियों और पीड़ितों ने कोयले पर अवैध रूप से वसूली जा रही 25 रूपये टन की रकम का मामला केंद्रीय नेताओं और अफसरों के संज्ञान में लाया है | जानकारी के मुताबिक इस अवैध वसूली को लेकर SECL और NMDC ने हाथ खड़े कर दिए है | यही नहीं उसके अफसरों ने मामले की जानकारी सीबीआई को भी भेजी है | बताया जा रहा है कि कालिया और सांभा ने 25 रूपये टन अवैध उगाही को लेकर SECL और NMDC से संपर्क किया था | लेकिन बगैर दबाव में आए अफसरों ने फौरन कालिया और सांभा को दफ्तर से बाहर का रास्ता दिखा दिया | सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि सम्बंधित अफसरों ने इस प्रस्ताव को इंकार करते हुए ना केवल अपनी मजबूरियां बताई बल्कि भविष्य के खतरे को भांपते हुए मामले की जानकारी सीबीआई को भी भेजी है |
उधर आम आदमी पार्टी और दिल्ली में कई कांग्रेसी नेताओं ने छत्तीसगढ़ में गब्बर सिंह टेक्स लगाए जाने पर हैरानी जताई है | इन नेताओं ने इसे लेकर केंद्रीय एजेंसियों को ट्वीट भी किया है | बताया जाता है कि हाल ही में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टेक्स बताकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया था | लेकिन अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार के हाथों में सत्ता की बागडोर आने के बाद गब्बर सिंह टेक्स की हकीकत में वसूली होने लगी है | कोयले पर गुंडा टेक्स लगा दिए जाने के बाद रोजाना इक्क्ठा हो रही करोड़ों की रकम सरकारी तिजोरी के बजाय गब्बर सिंह के खजाने में जाने से कांग्रेस सरकार की साख पर सवालियां निशान लग रहा है | वही दूसरी ओर सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस भी सवाल करने लगे है |
इधर गब्बर सिंह टेक्स को लेकर आयकर रिटर्न में कोई कॉलम नहीं होने के चलते कई कारोबारियों ने आयकर विभाग और चाटर्ड एकाउंटेंट से भी संपर्क किया है | वे चाहते है कि इस रकम का ब्यौरा अपने आयकर रिटर्न में दाखिल कर सके | लेकिन गब्बर सिंह टेक्स के भुगतान की रसीदे या बिल नहीं मिलने से वे पसोपेश में है | आखिर इस टेक्स को किस रूप में एडजेस्ट किया जाए ताकि उन पर टेक्स चोरी का आरोप ना लगे ? इन तथ्यों को लेकर कारोबारी माथापच्ची कर रहे है |
उधर राज्य के आधा दर्जन कोयला उत्पादक जिलों बिलासपुर , कोरबा , रायगढ़ , जांजगीर चाम्पा , सूरजपुर और अंबिकापुर में गब्बर सिंह टेक्स की वैधानिकता को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है | यही नहीं राज्य सरकार ने भी इस टेक्स की वैधानिकता को लेकर अपनी कोई मंशा जाहिर नहीं की है | यह भी दिलचस्प है कि इन जिलों के तमाम जिम्मेदार नेता इस महत्वपूर्ण मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है | उनकी रहस्यमय चुप्पी का राज्य की जनता गंभीरता पूर्वक आंकलन कर रही है | पीड़ितों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी इस मामले का संज्ञान लेकर अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है | पीड़ितों ने गुहार लगाते हुए कहा है कि कोरोना काल में वैसे ही उद्योग धंधों की कमर टूटी हुई है , ऐसे में इस तरह की अवैध वसूली का उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है |
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