विदिशा / मध्यप्रदेश के विदिशा जिला अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही से एक नवजात शिशु की जान पर बन आई है। सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की लापरवाही की वजह से 15 दिन के बच्चे का हाथ काला पड़ गया है। बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे भोपाल रेफर किया गया है। भोपाल के हमीदिया स्थित कमला नेहरू अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे को बचाने के लिए उसका हाथ काटना पड़ेगा। जिसके बाद बच्चे के माता पिता दुखी हैं। और दोषी डाक्टर पर कार्रावाई की मांग कर रहे हैं।
दरअसल विदिशा जिले के ग्यारसपुर तहसील के लोहर्रा गांव के मनोज सेन की पत्नी मिथलेश सेन ने 26 अगस्त को स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था। परिजन का कहना है कि उस वक्त उनके बेटे के सभी अंग काम कर रहे थे। उनका आरोप है कि बच्चे के पैदा होते ही टीका लगाया गया था। जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। माता-पिता का आरोप है कि बच्चे को एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाया गया है। इसके बाद बच्चे को बुखार आ गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया। जहां नवजात को 5 दिन तक रखा गया। मनोज सेन का कहना है कि जब उन्हे बच्चा सौंपा गया तब बच्चे का दायां हाथ काला पड़ा हुआ था।
जिसके बाद परिजन बच्चे को भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल लाए। भोपाल लाने पर डॉक्टरों ने बताया कि हाथ में एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाने की वजह से बच्चे के हाथ में जहर फैल गया है। जिसके बाद डाक्टर अब बच्चे का हाथ काटने की सलाह दे रहे हैं। वहीं जब परिजन ने भोपाल के डॉक्टरों से कहा कि यह बात उन्हे लिखकर दे दें तो भोपाल के डाक्टर ने खराब इन्जेक्शन की बात लिखने से इनकार कर दिया और कहा है कि विभाग की बात है, हम लिखकर नहीं दे सकते हैं।
परिजनों ने विदिशा अस्पताल में हुई लापरवाही की शिकायत विधायक शशांक भार्गव से की है। परिजन बच्चे के इलाज में लापरवाही करने वाले डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। परिजनों ने कलेक्टर से भी मामले की शिकायत की है। बच्चे के पिता का आरोप है कि विदिशा जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाया है। जब रेफर करने के दौरान बच्चा उन्हे दिया गया तो उसका हाथ काला था।
वहीं इस बारे में जिला अस्पताल विदिशा के डाक्टर संजय खरे ने सफाई दी है कि उनके अस्पताल में एक्सपायरी डेट का कोई इंजेक्शन नहीं है। उन्होंने कहा कि मासूम की हालत ठीक नहीं रही होगी तभी उसे भोपाल रेफर किया होगा। रेफर करते समय बच्चे का हाथ काला पड़ा होगा, अगर कहीं कोई लापरवाही सामने आएगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। बच्चे के परिजन विदिशा सरकारी अस्पताल के लापरवाह डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।