छत्तीसगढ़ में सरकार के कामकाज से नौकरशाही में निराशा, सीनियर IAS ने ट्वीट कर जाहिर किया दर्द, आईएएस के अलावा आईपीएस अधिकारी भी सरकार के रवैये से दुखी

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में सरकार के रवैये को लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारीयों में बेचैनी देखी जा रही है | पुलिस मुख्यालय में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ADG से DG के पद पर सालभर से अधिक समय से पदोन्निति की राह तक रहे है | बेहतर सर्विस रिकॉर्ड होने के बावजूद उनकी अतिरिक्त पुलिस महानिर्देशक से महानिर्देशक के पद पर पदोन्निति खटाई में पड़ी है |

जबकि केंद्र सरकार ने DG के तीन पदों पर अरसे पहले से ही हरी झंडी दे रखी है | बताया जाता है कि पदोन्निति समिति की जानबूझ कर बैठक नहीं करने से तीन अफसरों क्रमशा : ADG आरके विज, ADG संजय पिल्ले और ADG अशोक जुनेजा बगैर किसी ठोस कारण के डीजी के पद पर पदोन्नत नहीं हो पाए है | इसका मुख्य कारण उस निलंबित ADG मुकेश गुप्ता को मिल रहा सरकारी संरक्षण बताया जा रहा है, जो खुद छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यप्रणाली को हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दे रहा है |

बताया जा रहा है कि इस अनुशासनहीन निलंबित अफसर की अयोग्यता को हथियार बना कर डीपीसी लगातार टाली जा रही है | नतीजतन ADG से नीचे रैंक के तमाम अफसर अपनी पदोन्नति को लेकर साल भर से अधिक समय तक पिछड़ गए है | एक मात्र दागी अफसर को मिल रहे अनुचित संरक्षण के चलते तमाम योग्य आईपीएस अफसर पदोन्निति की राह तक रहे है | वही दूसरी ओर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और राजस्व मंडल के अध्यक्ष सी के खेतान के एक ट्वीट से आईएएस अफसरों की बेचैनी भी झलक रही है |

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चितरंजन खेतान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘ कलेक्टर पर ही सारी जिम्मेदारी और उसी से सबकी नाराजगी। वो बहुत अच्छा भी और बहुत खराब भी।नेताओं के काम वो बनाए और नेताओं की डांट वो खाए. क्या करें, क्या न करें, बोल मेरे भाई? चितरंजन खेतान का यह ट्वीट ही नहीं, बल्कि ट्विटर पर साझा किया गया उनका बायो भी दिलचस्प है। इस पर उन्होंने अपने बारे में लिखते हुए बताया है कि वह ब्यूरोक्रेट हैं,लेकिन यस मैन नहीं है। राइटर हैं, लेकिन दरबारी नहीं है। ट्रेवलर है, लेकिन टूरिस्ट नहीं है। फोटोग्राफर है,लेकिन क्रिएटर नहीं है।

नौकरशाही की मजबूरियों को लेकर किए गए ट्वीट के वायरल हो रहा है | हालाँकि इसके तूल पकड़ने के बाद उन्होंने नए ट्वीट में पुराने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि वह दूसरे राज्य के संदर्भ में था, उसकी गलत व्याख्या की जा रही है |

IAS अधिकारी खेतान ने सफाई देते हुए नया ट्वीट कर कहा कि किसी दूसरे राज्य के DM पर कारवाई के संदर्भ पर किए गए Tweet की ग़लत व्याख्या की जा रही है. सामान्य Tweet था कि DM पर नीतियों व योजनाओं के क्रियान्वयन का अत्यधिक भार व दवाब नेताओं का रहता है. क्या-क्या करे एक अकेला ? पहले जैसी Limited योजनाएं नहीं रही |”

इस पूरे मामले को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीके खेतान की सरकार से नाराजगी को जोड़ कर देखा जा रहा है | ये और बात है कि वायरल ट्वीट से मचे बवाल के बाद उन्होंने स्पष्ट किया है कि उन्होंने दूसरे राज्य के सन्दर्भ में यह पोस्ट की थी | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ताजपोशी को लेकर सीके खेतान काफी चर्चित रहे थे | राज्य में विधानसभा चुनाव की समाप्ति और नई सरकार के गठन के दौरान वे होम सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे | भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह उन्ही के निर्देशन में संपन्न हुआ था |

इसके बाद कई महीनों तक सीके खेतान ने विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभालते हुए सफलतापूर्वक कार्य किया | चीफ सेक्रेटरी की दौड़ में पिछड़ने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें राजस्व मंडल के चेयरमैन की जवाबदारी सौंपी है | सीके खेतान काफी अनुभवी और एक्टिव आईएएस अधिकारी के रूप में जाने पहचाने जाते है | नौकरशाही के जानकार खेतान के इस ट्वीट को काफी रिट्वीट कर रहे है | रिटायर हो चुके कई नौकरशाहों ने सरकार के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाया है |