जशपुर को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की एक पहल |

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जशपुर \ प्रेम प्रकाश शर्मा \ 

 कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की विशेष मौजूदगी में आज कलेक्टोरेट सभा कक्ष में जशपुर जिले को धुम्रपान एवं तम्बाकू मुक्त जिला बनाने को लेकर एक विशेष कार्यशाला आयोजित हुई।  बैठक में जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी  राजेन्द्रकटारा, वनमण्डलाधिकारी कृष्ण जाधव, अपर कलेक्टर  आई.एल.ठाकुर, एसडीएम रवि मित्तल, एस.के.टण्डन, रवि राही, डिप्टी कलेक्टर  आर.एन. पाण्डेय सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने जशपुर जिले को तम्बाकू एवं धुम्रपान मुक्त जिला बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाने तथा इसे एक जनअभियान के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी विभागों के अधिकारियों के अपने-अपने कार्यालय परिसर में तम्बाकू, गुटका, बीड़ी सिगरेट, गुड़ाखू आदि के उपयोग पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाए जाने के साथ ही इसके उल्लंघन का मामला पकड़ में आने पर दोषी के विरूद्ध जुर्माने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।  कलेक्टर ने जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे को येलो लाईन से चिन्हांकित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को एक अभियान चलाकर सभी शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू, गुटका, बीड़ी, सिगरेट आदि के ठेलों एवं गुमटियों को हटाए जाने की कार्रवाई करने को कहा। कार्यशाला में पॉवर प्वान्ईट प्रजेन्टेंशन के माध्यम से तम्बाकू के उत्पाद विशेषकर सिगरेट से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि कम उम्र के बच्चे भी सिगरेट का सेवन करने लगे हैं यह समाज और नौनिहाल पीढ़ी के लिए नुकसानदेह है। छत्तीसगढ़ में 12-13 वर्ष के उम्र के 2.9 प्रतिशत् बच्चे 14-15 वर्ष के 8 प्रतिशत् 16 से 17 वर्ष की उम्र के 11.02 प्रतिशत् 18-20 वर्ष की उम्र के 10.04 प्रतिशत् बच्चे सिगरेट का सेवन कर रहे हैं। कार्यशाला में कोटपा एक्ट 2003, सेक्शन 77 जेजे एक्ट (केयर एण्ड प्रोटेक्शन) के बारे में भी वितस्तार से जानकारी दी गई।