छत्तीसगढ़ में बेकाबू रफ़्तार की ओर कोरोना, अस्पताल फूल, आईसीयू में भी गंभीर मरीजों का ताँता, दबाव बढ़ने से शव बदलने के मामले भी आने लगे सामने, राज्य सरकार से लोगों को भारी उम्मीद, बेड और आईसीयू में इजाफे की गुहार

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रायपुर / भिलाई – छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ़्तार बेलगाम होती जा रही है | प्रदेश में पहली बार एक ही दिन में 2599 नए संक्रमितों के सामने आने से लोगों की चिंता बढ़ गई है | राज्य में एक ही दिन में पहली बार शुक्रवार को कोरोना से 22 लोगों की मौत हुई | राज्य में संक्रमितों की संख्या 40634 पार हो गई है | जबकि एक्टिव केस की संख्या भी 20689 से ज्यादा हो गया है | सर्वाधिक मरीज रायपुर और बिलासपुर से सामने आ रहे है | अभी तक 19608 मरीज डिस्चार्ज हो चुके है | जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 335 पहुँच गई है | इसमें 177 मरीजों की मौत अकेले रायपुर में हुई है | प्रदेश में अब तक 6 लाख 35 हज़ार सैंपलों की जाँच हो गई है | राज्य में कोरोना की रफ़्तार में आई तेजी के चलते केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय की विशेष टीम रायपुर पहुँच गई है | ये टीम दुर्ग और बिलासपुर का भी दौरा करेगी | 

उधर राज्य के कई अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का ताँता लगा होने से ना तो नए मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है और ना ही उन्हें इलाज का कोई भरोसा तक मिल रहा है | ऐसे में ये मरीज प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर काट रहे है | वहां भी जगह नहीं होने से नो एंट्री की स्थिति है | यहाँ भी देखा जा रहा है कि प्राइवेट और सरकारी दोनों ही अस्पतालों में आईसीयू पूरी तरह से फूल है | ऐसे समय परिजनों को उन मरीजों को लेकर चिंता सता रही है, जो कोरोना की वजह से गंभीर स्थिति का सामना कर रहे है | जानकारों ने काफी पहले ही साफ़ कर दिया था कि राज्य में सितंबर और अक्टूबर में कोरोना की रफ़्तार काफी तेज रहेगी | ऐसे में राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाने की लोग आलोचना कर रहे है | मौजूदा संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में बेड की काफी कमी देखी जा रही है | इस दिशा में सरकार को प्राथमिकता से ध्यान देना होगा |   

उधर संक्रमित मरीजों के दबाव के चलते सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही अस्पतालों की स्टाफ की लापरवाही सामने आ रही है | इन अस्पतालों के कुप्रबंधन का खामियाजा मरीजों के परिजनों को उठाना पड़ रहा है | दुर्ग के सरकारी अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में दो परिवारों के मृत बच्चों की अदला बदली कर दी गई। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक परिवार द्वारा मृत शिशु को दफन करने के बाद दूसरे पक्ष ने अपने बच्चे की मांग को ले कर जिला अस्पताल में हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन ने तत्काल प्रभाव से मैटरनिटी विभाग में पदस्थ पांच स्टाफ को ड्यूटी से हटा दिया है |

उन्होंने मामले की जांच करने दो सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। दूसरा मामला भिलाई के शंकराचार्य कोविड केयर अस्पताल का है | यहाँ भी मरीजों के शवों की अदला – बदली हो गई | शमशान घाट में अंतिम संस्कार के ठीक पहले इसका खुलासा हुआ | इसके बाद पीड़ित परिवार ने शंकराचार्य अस्पताल पहुँच कर प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया | हालाँकि अस्पताल ने भी गल्ती स्वीकार करते हुए परिजनों को उनके सदस्य का शव सौंपा | बिलासपुर में भी इसी तरह की घटना सामने आई | यहाँ मजूमदार परिवार के शव के बदले जाने के बाद हंगामा खड़ा हो गया था | आखिरकार कोई भी शव अब बिना फोटो और आई कार्ड के सौंपे नहीं जा रहे है | 

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