स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, देश के इन पांच राज्यों में हैं कोरोना के कुल 62 फीसद मामले , कोरोना वायरस से लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग ही सोशल वैक्सीन

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नई दिल्ली / देश में जितनी तेजी से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से कोरोना से पीड़ित लोग ठीक भी हो रहे हैं। इस संक्रमण से लोगों के पास बचने का सबसे बड़ा हथियार इस वक्त सोशल डिस्टेंसिंग ही है, जिस पर केंद्र सरकार भी जोर दे रही है | केंद्र सरकार की ओर से रोजाना स्वास्थ्य मंत्रालय प्रेस ब्रीफ देकर जानकारियां दे रहा है | गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि कोरोना वायरस से लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग ही सोशल वैक्सीन है | 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 29.70 लाख लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, जो कि कोरोना के एक्टिव मामलों के 3.5 गुना अधिक है। पिछले 24 घंटों के अंदर 11 लाख से ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए हैं।  एक दिन में सबसे ज्यादा 68,584 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि पांच राज्यो में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं, इन राज्यों को मिलाकर देश में कुल मामलों के 62 फीसद कोरोना के मामले इन्हीं राज्यों से हैं। ये राज्य तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र हैं।

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से उन पांच राज्यों के नाम भी बताए गए हैं जहां की कोरोना से सबसे ज्यादा मौंते हुईं हैं। इन पांच राज्यों में कोरोना के कुल मौतें में 70 फीसद यहीं से है। ये राज्य आंध्र प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दुनिया के अन्य देशों की तुलना में देश में प्रति दस लाख लोगों में कोरोना के मामले बहुत कम हैं। भारत की प्रति दस लाख की जनसंख्या में कोरोना से मौतें दुनिया में सबसे कम है। प्रति दस लाख की जनसंख्या में देश में कोरोना से 49 मौतें हैं | आइसीएमआर के निदेशक ने कहा कि देश के 70 जिलों में दूसरा सीरो सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। अगले दो हफ्तों में इसके परिणाम प्राप्ह होना शुरू हो जाएंगे।