बड़ी खबर : कंटेनमेंट जोन के छात्र और कर्मचारियों को परीक्षा केंद्र तक जाने की इजाजत नहीं, ऐसे छात्र नहीं दे पाएंगे परीक्षा, नई एसओपी जारी, जानें इस तरह से होगी परीक्षा

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दिल्ली / कोविड-19 संक्रमण के बीच प्रवेश परीक्षा और वार्षिक परीक्षा करवाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ मापदंड तय किये है | नई मानक संचालन प्रक्रिया के तहत कंटेनमेंट जोन के छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केंद्र जाने की इजाजत नहीं होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नई एसओपी के तहत परीक्षाओं में केवल बिना लक्षण वाले छात्रों को अनुमति मिलेगी। छात्रों, शिक्षकों को कोरोना मुक्त होने का स्वयं सत्यापित प्रमाणपत्र देना होगा। परीक्षा केंद्र में जांच के दौरान बिना लक्षण वाला कोई छात्र कोरोना संक्रमित मिलता है, तो उसे आइसोलेशन रूम में परीक्षा देनी होगी।

जबकि कोरोना पॉजिटिव छात्र की तबीयत ठीक होने पर नई तिथि पर उसकी परीक्षा होगी। गर्भवती महिला और बीमार शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जेईई, नीट, सीबीएसई, कॉलेजों के अंतिम वर्ष की परीक्षा समेत दस से ज्यादा प्रवेश परीक्षाओं के मद्देनजर नई एसओपी जारी की है। इसका पालन अनिवार्य किया गया है |

सभी संस्थानों, विश्वविद्यालयों को नई एसओपी का पालन सुनिश्चित करना होगा। परीक्षा कक्ष में छह फीट की दूरी के आधार पर बैठने की व्यवस्था होगी। छात्रों और कर्मचारियों को तीन परत वाला मास्क पहनना और हाथ धुलवाने के बाद एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से हाथ धोना होगा। सभी छात्रों और कर्मियों के पास आरोग्य सेतु एप होना चाहिए। संस्थान के गेट से क्लास तक छह फीट की दूरी वाला गोल घेरा का नियम का कड़ाई से पालन करना होगा | यह नियम पहले से ही लागू है।

केंद्र की गाइडलाइन में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन से बाहर ही परीक्षा केंद्र बनेंगे। कंटेनमेंट जोन के छात्र और शिक्षक परीक्षा में भाग नहीं ले सकते। ऐसे छात्रों की परीक्षा बाद में ली जाएगी। यही नहीं परीक्षा आयोजक संस्था को भीड़ कम करने के लिए ज्यादा परीक्षा केंद्र बनाना होगा। हर कमरे का सीटिंग प्लान बनाने के बाद परीक्षा नियंत्रक सामाजिक दूरी के नियम की जांच करेंगे। उनके निर्देशों को मानना जरुरी होगा | ऑनलाइन परीक्षा के बाद कंप्यूटर, माउस, की-बोर्ड, डेस्क को सैनिटाइज करना जरूरी होगा। छात्र घर से पानी की बोतल ला सकते हैं। हालाँकि परीक्षा केंद्र पर भी पेयजल की व्यवस्था करनी होगी। डिस्पोजेबल गिलास रखना होगा।

SOP में कहा गया है कि छात्रों को बस से लाने-ले जाने से पहले उसे सैनिटाइज करना पड़ेगा। कोरोना से एहतियात बरतने के लिए संस्थानों में पोस्टर लगाना होगा। छात्रों और कर्मचारियों में कोरोना के लक्षण मिलने पर अस्पताल जाना होगा | यह भी स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा केंद्र में यदि किसी छात्र में सर्दी, जुकाम, बुखार या अन्य लक्षण मिलते हैं, तो उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाने की सुविधा देनी होगी। उस छात्र की कोविड-19 जांच करवायी जाएगी। उसकी परीक्षा नई डेटशीट के आधार पर बाद में ली जाएगी।

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परीक्षा केंद्र पर हर कमरे में ताजी हवा के लिए खिड़की खुली रहनी चाहिए। यदि एसी है तो सभी कमरे का का तापमान 24 से 30 डिग्री होगा। इसके अलावा नमी 40 से 70 फीसदी तक हो सकती है। यह भी कहा गया है कि परीक्षा समाप्त होने के बाद आंसर शीट को पैक करके सैनिटाइज किया जाएगा। उसे 72 घंटे तक नहीं खोली जाएगी। इस दौरान उन पैकेट को हाथ नहीं लगाया जाएगा। वहीं, प्रश्न पत्र बांटने से पहले परीक्षक को अपने हाथ धोकर सैनिटाइज करने होंगे। दस्ताने और मास्क पहनने के बाद ही वे प्रश्नपत्र बांट सकते हैं। कुल मिलाकर नई SOP में छात्रों और कर्मचारियों के अलावा अभिभावकों को भी कोरोना मुक्त रखने की पहल की गई है |