पुडुचेरी / आमतौर पर वीवीआईपी या वीआईपी अस्पतालों का दौरा कर ज्ञान बांटकर लौट जाते है | वे कायदे कानूनों का हवाला देकर सभी व्यवस्था के सुचारु संचालन का निर्देश भी देते है | देश में कोरोना के प्रकोप के दौरान ऐसे नज़ारे देश के सभी सरकारी अस्पतालों में देखने को मिले है | लेकिन पुडुचेरी में एक सरकारी अस्पताल में उस समय अफसरों और डॉक्टरों की आंखे फंटी की फंटी रह गई जब स्वास्थ मंत्री ने शौचालय में जाकर साफ़ सफाई करना शुरू कर दिया | दरअसल किसी को उम्मीद नहीं थी कि मंत्री जी बाथरूम का रुख करेंगे | उधर मंत्री जी ने ठान रखी थी कि बाथरूम की स्थिति बता देगी कि इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में कितनी गंभीरता से की जा रही है |
अस्पताल का जायजा लेते लेते मंत्री जी के कदम अचानक बाथरूम की ओर बढ़ गए | डॉक्टरों को लगा कि वे लघुशंका के लिए जा रहे है | लेकिन मंत्री जी ने झाड़ू लेकर बाथरूम का जाला निकाला फिर गंदगी साफ़ करने में जुट गए | मंत्री जी को ऐसा करते देख अफसरों और डॉक्टरों का सिर शर्म से झुक गया | उधर बाथरूम की सफाई के बजाये अफसर मंत्री जी को दलील देने लगे कि एक दिन में इतनी ज्यादा संख्या आ रहे मामलों की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ रहा है और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है।
उधर अस्पताल की नाकामी पर तंज कसते हुए मंत्री जी ने भी कहा कि इसी चरमराई स्वास्थ्य सेवा का परिणाम है कि पुडुचेरी में स्वास्थ्य मंत्री को भी इस अस्पताल में शौचालय की गंदगी साफ करना पड़ा | दरअसल इस अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने शौचालय में गंदगी की जानकारी देते हुए स्वास्थ मंत्री से शिकायत की | मंत्री जी ने फ़ौरन शिकायत की पड़ताल की | स्वास्थ्य मंत्री एम कृष्णा राव ने अस्पताल में शौचालय की साफ सफाई कर डॉक्टरों को साफतौर पर संदेशा दिया कि स्टाफ और सफाई कर्मियों की तैनाती के बावजूद स्वास्थ मंत्री को यह जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। पुडुचेरी के स्वास्थ्य मंत्री मलाड्डी कृष्णा राव ने इंदिरा गांधी राजकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कोविड वार्ड के शौचालय की सफाई की। इस वीडियो पर अब तक कई यूजर्स के कमेंट्स और लाइक आ चुके हैं, लोग स्वास्थ्य मंत्री के इस कार्य की सराहना कर रहे हैं।
एम कृष्णा राव की ओर से किए गए इस कार्य की तारीफ पूरे सोशल मीडिया में हो रही है। इस अस्पताल में मरीजों के लिए वार्ड की संख्या 75 है | अस्पताल का दावा है कि यहां दिन में तीन बार शौचालय साफ किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है | सफाई कर्मी शौचालय का रुख तक नहीं करते | इससे गंदगी बनी रहती है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों को सलाह दी कि वो शौचालय इस्तेमाल करने के बाद खुद भी साफ-सफाई और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें।
बताया जाता है कि इस अस्पताल में सरकार के कोरोना संक्रमण को देखते हुए 458 स्वास्थ्य कर्मियों को अनुबंध पर रखा है, इसमें डॉक्टर, नर्स, स्वच्छता कर्मचारी और अन्य श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अगले हफ्ते के अंत तक इस संख्या में और बढ़ोतरी की जाएगी।