पहले ही सेमेस्टर टेस्ट में इस यूनिवर्सिटी के 1200 छात्र और 166 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप, अभिभावक चिंता में

0
7

दिल्ली / देश – दुनिया में अब अनलॉक की स्थिति है | धीरे – धीरे जनजीवन सामान्य बनाने की कोशिशे की जा रही है | इसके साथ ही स्कूलों में जहाँ ऑनलाइन पढाई हो चुकी है, वहीँ कॉलेजों में भी छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है | इसी कड़ी में सेमेस्टर शुरू होने से पहले छात्रों का कोरोना वायरस टेस्ट भी कराया जा रहा है | इस मामले में एक यूनिवर्सिटी में 29,900 छात्रों के टेस्ट में से 310 छात्र पॉजिटिव पाए गए थे| पॉजिटिव आने वाले छात्रों को कैंपस में एन्ट्री की अनुमति नहीं दी गई |

लेकिन जब दूसरी यूनिवर्सिटी की कोरोना रिपोर्ट आई तो सरकार हैरत में पड़ गई | मामला अमेरिका की अलाबामा यूनिवर्सिटी का है | यहाँ के 1200 से अधिक छात्र और 166 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं | अलाबामा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने यह खुलासा करते हुए बताया है कि उन्हें निर्देश दिए गए थे कि क्लास के छात्रों को अन्य संक्रमित स्टूडेंट के संक्रमित होने की रिपोर्ट के बारे में जानकारी न दी जाए | प्रोफेसर को यह भी कहा गया था कि अगर वे बताते हैं कि क्लास के कुछ छात्र कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं तो यह नियम का उल्लंघन होगा | इसके चलते हालात और ख़राब हो गए | ग़ौरतलब है कि इस यूनिवर्सिटी में बड़ी तादात में भारतीय मूल के छात्र भी अध्ययनरत है |

सीनियर अफसरों को प्रोफेसर द्वारा भेजे गए ईमेल में इसका खुलासा हुआ है | अब यूनिवर्सिटी में छात्रों को हिदायद दी जा रही है कि वे मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करे | इससे कोरोना का खतरा नहीं है | सोशल मीडिया पर सामने आईं तस्वीरों में इस यूनिवर्सिटी के कैंपस में कई छात्र बिना मास्क के भी देखे गए थे | उधर मामले के तूल पकड़े जाने के बाद यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि अभी तक किसी भी कोरोना पॉजिटिव छात्र के हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई है. यूनिवर्सिटी ने कहा है कि आइसोलेशन के लिए पर्याप्त जगह है |

ये भी पढ़े : मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जेईई और नीट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए दिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश