दिल्ली / रायपुर – छत्तीसगढ़ में कुख्यात एडीजी मुकेश गुप्ता की कार्यप्रणाली हमेशा सुर्ख़ियों में रही है | खुफियां विभाग हो या फिर ACB या EOW की कमान | मुकेश गुप्ता ने स्पेशल 26 नाम से एक गिरोह का गठन किया था | ये गिरोह अवैधानिक गतिविधियों में लिप्त रहता था | जबकि उसके सरगना के रूप में मुकेश गुप्ता उन आपराधिक क्रियाकलापों के निर्देश देता था | मुकेश गुप्ता के इस स्पेशल – 26 गिरोह ने वैधानिक कार्रवाई के नाम पर कई ऐसे कारनामों को अंजाम दिया जो आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आते है | ये और बात है कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद स्पेशल 26 गिरोह को बगैर सजा दिए सरकार ने भंग कर दिया | उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई | अब मुकेश गुप्ता के कारनामों से कई ठग गिरोह प्रेरणा ले रहे है |
ताजा मामला दिल्ली के उस स्पेशल 26 गिरोह का है, जो ईडी के अफसर बन कर उद्योगपतियों और बैंकों को चूना लगाते थे | इस गिरोह की आपराधिक गतिविधि मुकेश गुप्ता के स्पेशल 26 से मेल खाती नजर आती है | दिल्ली के कई ठगों की आपराधिक गतिविधियां छत्तीसगढ़ के ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर ही है | सिर्फ अंतर यह है कि ये खाकी वर्दीधारी नहीं है | दिल्ली में इससे पहले सीबीआई, आईबी और विभिन्न राज्यों की पुलिस के फर्जी अधिकारी बन कर लोगों को चूना लगाने के मामले सामने आ चुके हैं। अब ताजा मामला प्रवर्तन निदेशालय का आया है। दरअसल दिल्ली के पांच चालाक ठगों ने ‘स्पेशल 26’ बन कर बैंकों और उद्योगपतियों को नोटिस भेजने शुरू किया |
ईडी के नाम से आये नोटिस को देखकर लोग हैरत में पड़ गए | ठगों ने यह खेल केवल दिल्ली के उद्योगपतियों के साथ ही नहीं खेला गया, बल्कि हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्य भी इनके फर्जीवाड़े से नहीं बच सके। स्पेशल 26 गैंग में शामिल युवक 24 से 35 साल के थे | इन्होने बड़ी चालाकी से अवैध वसूली की घटनाओं को अंजाम दिया | दिल्ली के इस ‘स्पेशल 26’ गैंग ने बैंकों को भी नहीं बख्शा। उसने अपने लेटर पर प्रवर्तन निदेशालय की मुहर मारकर विभिन्न जगहों से रिक्वरी का आदेश बैंकों को दिया | फिर उन ग्राहकों से डीलिंग की | स्पेशल 26 गैंग के सभी सदस्यों को उस समय दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा जब वे कुछ उद्योगपतियों से जोर जबरदस्ती ऊँची रकम ऐठने में जुटे थे |
दिल्ली पुलिस ने इस गैंग को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है | उधर ईडी के मुताबिक स्पेशल 26 गैंग उसके नाम पर उगाही और धोखाधड़ी के अनेक अपराधों को अंजाम दे चूका है | ईडी ने बताया कि सभी आरोपी खुद को ईडी का अफसर बताकर उद्योगपतियों और व्यापारियों से उगाही करते थे। वे ईडी के नाम से ये फर्जी लेटर भी जारी करते थे। ‘स्पेशल 26’ के लोग बैंकों को निर्देश देते थे कि फलां लोगों के खाते सील कर दिए जाएं। इसके बाद वे उद्योगपतियों और व्यापारियों को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहते थे। इतना ही नहीं, ‘स्पेशल 26’ के लोग मामला रफादफा कराने का विकल्प भी देते थे। वे मोटी रकम लेकर उद्योगपति से कहते थे कि अब मामला खत्म हो जाएगा।
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दरअसल कई बैंकों ने जब ‘स्पेशल 26’ के लेटर को लेकर ईडी से संपर्क किया तो बैंक अधिकारियों और ईडी उस लेटर को देखकर हैरान रह गए। ईडी ने बैंकों से कहा कि हमनें कोई लेटर नहीं भेजा है। इसके साथ ही बैंक अधिकारियों को यह हिदायत दी गई कि वे ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। कर्नाटक पुलिस के डीजी और दिल्ली पुलिस आयुक्त को स्पेशल 26 की शिकायत की गई। महाराष्ट्र के एक उद्योगपति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने सभी राज्यों की पुलिस से ऐसी ‘स्पेशल 26’ के लोगों को पकड़ने के लिए सहयोग मांगा है। जांच एजेंसी का कहना है कि ऐसे लोग उद्योगपतियों और व्यापारियों को अपना निशाना बनाते हैं।
उधर छत्तीसगढ़ में 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के खिलाफ भी धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज है तो कई की विवेचना जारी है | उसके स्पेशल 26 गिरोह ने EOW – ACB में दर्ज कई FIR फाड़ डाली | दर्ज FIR को नष्ट करने या फाड़ने की कार्रवाई यह गिरोह तब करता था जब उसकी गिरफ्त में आया शख्स मोटी रकम देने के लिए तैयार हो जाता था | बताया जाता है कि मुकेश गुप्ता के छत्तीसगढ़ से नदारत होने के बाद उसके स्पेशल 26 गिरोह को भंग कर दिया गया | लेकिन दिल्ली में जिस तरह से स्पेशल 26 गिरोह सामने आया है, उससे अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि इस गिरोह का मुकेश गुप्ता से कोई कनेक्शन तो नहीं | दरअसल छत्तीसगढ़ में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपी मुकेश गुप्ता नौकरी तक से नदारत है | उसे राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है | इन दिनों उसका पता ठिकाना दिल्ली ही बताया जाता है |