मुंबई / सुशांत सिंह राजपूत के केस में रिया द्वारा नष्ट करवाई गई हार्ड डिस्क में काफी कुछ राज छिपे है | SSR के घर से रवाना होने से पहले रिया ने सभी 8 हार्ड डिस्क का डाटा एक साइबर एक्सपोर्ट से नष्ट करवाया था | रिपोर्ट के मुताबिक़ सिद्धार्थ पिठानी ने ये माना है कि 8 जून को 8 हार्ड डिस्क नष्ट की गई थीं | उसने बताया कि हार्ड डिस्क नष्ट करने के लिए आईटी प्रोफेशनल की भी मदद ली गई थी | फ़िलहाल सीबीआई इसकी जांच में जुटी है कि हार्ड डिस्क में डेटा किस तरह का था और इसे कैसे नष्ट किया गया है | हार्ड डिस्क नष्ट होने के बावजूद उसमें से डेटा रिकवरी संभव है | हालांकि इस बारे में आईटी के जानकार कह रहे है कि हार्ड डिस्क किस तरह से नष्ट की गई है, डेटा रिकवरी उस पर भी डिपेंड करता है | उनके मुताबिक डैमेज्ड हार्ड डिस्क से भी डेटा रिकवरी संभव है |

वे बताते है कि फ़िज़िकल डैमेज क्यों न हो, नष्ट हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर किया जा सकता है | लेकिन इसके लिए काफी मेहनत करनी होगी | इस दौरान ये जानना ज़रूरी होगा कि हार्ड डिस्क नष्ट करने का तरीक़ा किस तरह का अपनाया गया है | उनके मुताबिक यह मुमकिन है कि डाटा रिकवर किया जा सकता है |

आईटी एक्सपोर्ट के मुताबिक सीबीआई इसे हासिल करने में संभव है पूरी ताकत झोंक देगी | उनका कहना है कि Class 100 क्लीन रूम में हार्ड ड्राइव को ओपन करने के बाद उसके प्रॉब्लम चेक करते हैं | इस दौरान पता चल जाता है कि अंदर बाहर क्या टूटा है, हेड या पीसीबी | उनके मुताबिक सभी ट्रेडिशनल हार्ड ड्राइव में हेड होता है | पीसीबी और हेड मुख्य कॉम्पोनेमेंट होते हैं | अगर प्लैटर डैमेज नहीं हुआ है तो डेटा रिकवर होने के परे चांसेस हैं |’ अगर ये टूटा है तो उस टूटी हुई हार्ड डिस्क या डैमेज्ड डिस्क से डेटा रिकवर करने के लिए उसे उस तरह के लैब में खोला जा सकता है जहां उसे बनाया गया है |

आईटी एक्सपोर्ट के मुताबिक हार्ड डिस्क को कई तरह से नष्ट किया जाता हैं | उनके मुताबिक हार्ड डिस्क की डिवाइस में एक आउटर केसिंग होती है, एक इंटरनल डिस्क होती है | इस डिस्क में डेटा स्टोर होता है और ये स्पिन करती है | उनके मुताबिक एनएसडी में स्पिनिंग डिस्क नहीं लगी होती है, इसमें डिस्क की जगह NAND मेमोरी चिप का यूज किया जाता है | इस वजह से ये ट्रेडिशनल के मुक़ाबले फ़ास्ट होती है | वे बताते है कि कई बार हार्ड डिस्क का आउटर केस ज्यादा इंपैक्ट लेता है | जबकि डिस्क या अंदर की मेमोरी कम इंपैक्ट लेती है | इसमें सबसे जरुरी तथ्य यह है कि अगर हार्ड डिस्क पानी में डूबो दी जाए, बाहर से इसकी केसिंग नष्ट हो | या फिर अंदर डिस्क पर भी थोड़ा इंपैक्ट हो, तो भी डेटा रिकवर किया जा सकता है |

उनके मुताबिक ड्रिलिंग, मेल्टिंग और श्रेडिंग ये तीन तरीकों से हार्ड डिस्क नष्ट की जाती है | हालाँकि उसे नष्ट करने के लिए ज्यादातर एक्सपोर्ट दो तरीक़े हैं – फ़िज़िकल और वर्चुअल की सलाह देते है | इसमें फ़िज़िकल में हार्ड डिष्क तोड़ी जाती है, या पानी में डाल दिया जाता है या फिर जला दिया जाता है | जबकि वर्चुअल यानी सॉफ़्टवेयर बेस्ड| इसके तहत हार्ड डिस्क का डेटा फ़ॉर्मेट किया जाता है| इसके भी कई तरीक़े होते हैं| बाद में कोई डेटा रिकवर न कर ले, इसके लिए हार्ड डिस्क फ़ॉर्मेट करने के बाद इसमें ओवर राइट किया जाता है, इसे लेयरिंग के नाम से जाना जाता है |

एक्सपोर्ट बताते है कि हार्ड डिस्क से डेटा फ़ॉर्मेट करने के बाद उसमे फिर से गौरजरूरी डेटा लोड किया जाता है | इसे बार बार फॉर्मेटिंग कर ट्रेस ख़त्म किया जाता है | उनके मुताबिक फ़िज़िकल डैमेज के तहत श्रेडिंग और ड्रिलिंग जैसे मेथड भी अपनाये जाते है | इसमें ड्रिलिंग के तहत हार्ड डिस्क में कई होल किए जाते हैं ताकि डेटा रिकवर न किया जा सके | श्रेडिंग के तहत इसे श्रेडर में डाला जाता है जो हार्ड डिस्क के कई छोटे टुकड़े कर देती है. इसके अलावा हार्ड डिस्क को पिघला कर भी नष्ट किया जाता है. इन दोनों ही स्थितियों में डेटा रिकवरी के आसार ख़त्म हो जाते है | एक्सपोर्ट बताते है कि SSR के जिन हार्ड डिस्क से डेटा नष्ट किया गया है, यदि वह फिजिकल डैमेज नहीं है, तो सीबीआई आसानी से उस डेटा को रिकवर कर लेगी |