इंदौर / इंदौर में पोर्न फिल्म शूटिंग का केस सामने आने के बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है | इस मामले में अब बड़ी जानकारियां भी सामने आ रहीं हैं। पोर्न फिल्म शूटिंग वाले गिरोह के दो और आरोपी दीपक सैनी और केशव सिंह साइबर सेल के हत्थे चढ़े हैं। पुलिस की माने तो पॉर्न वेबसाइट पर वीडियो को दिखाने वाले प्लैटफॉर्म फिनियों मूवीज बनाने में दीपक सैनी का ही दिमाग है। उसने पाकिस्तान के हुसैन अली नाम के शख्स से यह प्लैटफॉर्म डिजाइन कराया था। वो 2019 से इस पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में था |
इंदौर में पोर्न फिल्म के निर्माण का भंडा उस समय फूटा जब एक मॉडल ने पुलिस से शिकायत की थी कि वेब सीरीज के नाम पर उसके साथ धोखा हुआ | उसकी पोर्न फिल्म अपलोड की गई | पुलिस ने फौरी कार्रवाई करते हुए लगभग आधा दर्जन आरोपियों को धर दबोचा था | पुलिस ने विवेचना के दौरान पाया कि यह गिरोह संगठित रूप से देश विदेश में पोर्न फिल्म निर्माण और उसके प्रसारण का कारोबार करता था |
जांच के दौरान यह पता चला है कि इस गिरोह का नेटवर्क भारत समेत 22 देशों में फैला हुआ है। ये गिरोह खूबसूरत लड़कियों को वेब फिल्म सीरीज में काम दिलाने के नाम पर अपने जाल में फंसाता था। गिरोह का मास्टरमाइंड भिड़ निवासी बृजेंद्र सिंह गुर्जर बताया जाता है | सायबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने कहा कि अल्ट बालाजी में वेब सीरीज बनाने के नाम पर सेक्सुअल एडल्ट वेब सीरीज बनाई जा रहीं थी। उसे पोर्न साइट पर डाला जा रहा था।
उनके मुताबिक फिनियों मूवीज का मालिक 30 साल का दीपक सैनी ग्वालियर का, जबकि उसका सहयोगी 27 साल का केशव सिंह मुरैना का रहने वाला है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि दीपक ने इंदौर के एक कॉलेज से बीटेक किया है। उनके मुताबिक 2019 में फ्रीलांसर वेबसाइट के जरिए वह पाकिस्तान के नागरिक हुसैन अली के संपर्क में आया था । वह इस नागरिक को हर महीने 80 हजार रूपये वेतन देता था |
पुलिस के मुताबिक आरोपी दीपक ने अपने बयान में बताया कि फिनियों मूवीज ओटीटी प्लैटफॉर्म तैयार कराने के लिए उसने पाक नागरिग हुसैन को 20 हजार रुपए दिए थे। फिनियों मूवीज का मैंटेनेंस का काम हुसैन ही देख रहा था। इसके लिए सैनी उसे 30 से 80 हजार रुपए महीना दे रहा था। वह अपना पूरा काम ग्वालियर से संचालित कर रहा था। पूछताछ में दीपक ने यह भी बताया कि फिल्म बनाने में डायरेक्टर बृजेंद्र गुर्जर, राजेश बजाड उर्फ राज गुर्जर, अंकित चावडा, मिलिंद डाबर, सुनील जैन, अनिल द्विवेदी, विजयानंद पांडेय, अजय गोयल, गजेंद्र सिंह, युवराज, प्रमोद सिमरिया, योगेन्द्र जाट भी शामिल हैं।
दीपक ने पुलिस को बताया कि ओटीटी प्लैटफॉर्म पर सबसे पहली फिल्म एलएसडी एक एडल्ट वेब सीरीज अपलोड की गई थी । इसे अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद फिनियों मूवीज पर एडल्ट वेब सीरीज कम पैसों में तैयार कर वे अपलोड करने लगे । उसके मुताबिक धंधा चलने पर वे अश्लील फिल्में बनाने लगा। उसके मुताबिक अशोक सिंह से भी ‘लव इन लाॅकडाउन’, ‘माया’, ‘फ्रेंडशिप’ और ‘शांताबाई’ नाम की फिल्में खरीदीं गई थी ।
पुलिस जाँच में यह भी सामने आया कि फिनियों मूवीज को देश ही नहीं, विदेशों में भी अच्छा प्रतिसाद मिला | निर्माता को विदेशी लोगो से मोटी रकम मिलने लगी थी। इस गिरोह ने कमाई बढ़ते देख फिजियों मूवीज के नेटवर्क का विस्तार अमेरिका, कनाडा, टर्की, कुवैत इंडोनेशिया, मलेशिया सहित 22 देशों तक किया |
आरोपी दीपक ने बताया कि विजयानंद पाण्डेय, अशोक सिंह को ‘शांताबाई’ और अन्य वेब सीरीज को अपने ओटीटी प्लैटफाॅर्म पर चलाने के लिए 4 से 5 लॉख रुपए दिए। राजेश बजाज उर्फ राज गुर्जर, अशोक सिंह और विजयानंद पाण्डेय के तार ओटीटी प्लैटफाॅर्म उल्लू, फ्लिज मूवीज के साथ भी जुड़े हैं। उसके मुताबिक ये एडल्ट मूवीज बनाने का काम करते हैं।
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उधर गिरोह के मास्टरमाइंड बृजेंद्र सिंह ने बताया था कि फिल्म में काम दिलाने का लालच देकर लड़कियाँ पॉर्न फिल्म में काम करने को तैयार हो जाती थी | उसके मुताबिक इंदौर में एरोड्रम क्षेत्र के फार्म हाउस पर भी एडल्ट मूवी की शूटिंग की गई थी। उसने बताया कि इस नेटवर्क को मुंबई के अशोक सिंह और विजयानंद पाण्डेय भी संचालित कर रहे थे। फ़िलहाल मामले की विवेचना जारी है |