CWC की बैठक में राहुल गांधी के बयान को लेकर कई बड़े नेताओं ने जाहिर की नाराजगी, राहुल ने कहा-सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले सभी 23 नेता भाजपा से मिले हुए है.. यह कहते ही माहौल हुआ गर्म, आरोप सिद्ध होने पर गुलाम नबी और कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफे की दी पेशकश

0
6

नई दिल्ली / कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में एक खेमे ने राहुल गांधी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर काफी दबाव बनाया | लेकिन बैठक में माहौल उस समय तनाव भरा हो गया जब राहुल गांधी ने सोनिया को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगा दिया | इसके बाद वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल समेत कई नेताओं ने राहुल के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की | उन्होंने उन्हें साफतौर पर कहा कि उनके आरोप यदि सिद्ध हुए तो वे पार्टी से इस्तीफा दे देंगे | CWC की बैठक फ़िलहाल जारी है | उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस पार्टी को आज नया नेतृत्व मिल सकता है |

सीडब्ल्यूसी की बैठक में कई नेता पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग कर रहे है | बैठक में सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से लिखे गए पत्र को लेकर बवाल मचा है | कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की, जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया | बैठक में राहुल गांधी ने चिट्टी लिखने वाले इन सभी 23 नेताओं की आलोचना की है |

वर्किंग कमेटी की बैठक में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि ये सभी नेता बीजेपी से मिले हुए हैं | वर्ना ऐसा वक्त क्यों चुना गया जब पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान में लड़ाई लड़ रही थी | साथ ही सोनिया गांधी बीमार थीं, ऐसे वक्त पर ही चिट्ठी क्यों लिखी गई | बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह से चिट्ठी को लीक किया गया, उससे उन्हें काफी ठेस पहुंची है | सिर्फ राहुल ही नहीं बल्कि कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत अन्य कुछ नेताओं ने भी नेताओं द्वारा लिखी चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल किया | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब बैठक में बोलना शुरू किया तब नेताओं की ओर से अपील की गई कि उन्हें ही अब पार्टी की कमान अपने हाथ में लेनी चाहिए |

बैठक शुरू होते ही सोनिया गांधी की ओर से अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की अपील की गई और साथ ही पार्टी से कहा गया कि अब नया अध्यक्ष ढूंढा जाए | सोनिया गांधी के इस ऐलान के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व मंत्री एके एंटनी समेत कई बड़े नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने की अपील की | गौरतलब है कि वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले ही गुलाम नबी आज़ाद समेत कुल 23 नेताओं ने चिट्ठी लिखकर पार्टी के नेतृत्व में बदलाव की मांग की थी और एक पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने को कहा था |

राहुल गांधी के भाजपा से मिले होने के आरोप लगाए जाने पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर बीजेपी के साथ सांठ-गांठ साबित हो जाए तो सारे पदों से और पार्टी से इस्तीफा देने के लिए तैयार | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भाजपा से मिले होने वाली बात पर कहा कि 30 साल से पार्टी के लिए वफादार होकर काम कर रहे हैं कभी भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया फिर ऐसा आरोप क्यों ?वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल ने ट्विटर बायो से कांग्रेस हटा दिया है। उन्‍होंने राहुल के बीजेपी मिलीभगत वाले आरोप पर तीखे शब्‍दों में ट्वीट भी किया था जिसे बाद में डिलीट कर दिया।

सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल , मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तनखा, AICC और CWC के मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद के नाम हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों में भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भटट्ल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चौहान, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा के भी पत्र पर हस्ताक्षर हैं। प्रदेश कमेटियां संभाल चुके राज बब्बर , अरविंदर सिंह लवली और कौल सिंह ने भी चिट्ठी को समर्थन दिया है। इसके अलावा अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप दीक्षित के भी हस्ताक्षर हैं।

ये भी पढ़े : कांग्रेस कार्य समिती की बैठक में सोनिया गाँधी को ही अध्यक्ष बनाये रखने के आसार बढे, बिहार में विधानसभा चुनाव तय समय पर होने के चलते टल सकती है कांग्रेस अध्यक्ष पद के चयन की प्रक्रिया, सोनिया गाँधी की अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश, 29 नवंबर को खत्म होगा मुख्यमंत्री नितीश कुमार का कार्यकाल

हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है |