Saturday, October 5, 2024
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एक बार भी उपस्थिति दर्ज कराने पुलिस मुख्यालय नहीं पहुंचे निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता |

डीजी मुकेश गुप्ता को सरकार ने नान घोटाला और फोन टैपिंग मामले में आरोपी पाए जाने के बाद से निलंबित कर दिया है |  दोनों ही मामले में गुप्ता के खिलाफ EOW में FIR भी दर्ज है | निलंबन के बाद गुप्ता को पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया है | राज्य सरकार ने निलंबन अवधि के दौरान जीवन निर्वाह भत्ता देने के साथ आदेश में साफ तौर पर कहा था कि उन्हें पुलिस मुख्यालय अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी |  लेकिन निलंबन के तीन महीने पूरे होने जा रहे हैं और मुकेश गुप्ता ने एक भी बार पुलिस मुख्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई है |  जबकि उनके साथ ही निलंबित किए गए आईपीएस रजनेश सिंह केवल एक बार ही पुलिस मुख्यालय थे | जिसके बाद से रजनेश सिंह भी गायब है | गौरतलब है निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता से गृह विभाग ने आगामी आदेश तक उनका सरकारी वाहन क्रमांक CG/03/6494 वापस ले लिया है | और उनके गनमैन को भी वापस लेने के मामले पर समीक्षा कर रहा है |  शायद ही कभी किसी ने डीजी मुकेश गुप्ता को सर्विस रिवाल्वर के साथ वर्दी में देखा होगा |  इधर वाहन वापस लिए जाने का आदेश जारी होने के साथ ही पुलिस अब इस खोजबीन में जुट गई है कि क्या कभी मुकेश गुप्ता को कोई सर्विस रिवाल्वर इशु की गई थीं |  यदि ऐसा हुआ है तो गुप्ता से सर्विस रिवाल्वर वापस लेने की कार्रवाई भी अब-तब में संभावित है | बतादें कि जो कर्मचारी या अफसर निलंबित कर दिए जाते हैं उनका कर्तव्य स्थल पर उपस्थित रहना अनिवार्य नहीं होता, लेकिन पुलिस की नौकरी में ऐसा नहीं है |  गौरतलब है कि नियमानुसार कोई भी निलंबित पुलिस अफसर न तो सरकारी वाहन का उपयोग कर सकता है और न ही सर्विस रिवाल्वर अपने साथ रख सकता है |  निलंबन अवधि में उसे केवल जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होती है और निर्धारित जगह पर आमद देनी होती है |

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक निलंबित कर्मचारी या अफसर अपने जीवन-यापन के लिए किसी भी तरह के  व्यवसाय या काम-धंधे को करने के लिए स्वतंत्र होते हैं |  लेकिन आमद देने के लिए जो स्थान निर्धारित किया जाता है वहां उपस्थिति देनी ही होती है |  निलंबन अवधि के दौरान उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति भी नहीं होती |  यदि किसी विशेष परिस्थिति में मुख्यालय से बाहर जाने की आवश्यकता होती है तो विभाग प्रमुख से अनुमति अनिवार्य होती है |उनके मुताबिक जब सरकार ने मुकेश गुप्ता को शासकीय आवास आवंटित किया है तो उन्हें अपनी सभी कानूनी कार्रवाई शासकीय आवास से ही संपादित करनी चाहिए, लेकिन कानूनी प्रक्रियाओं में उनका पता किसी दूसरी जगह का दिख रहा है | निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता 25 अप्रैल को जब वे EOW में अपना बयान देने के लिए पहुंचे तो यह कहते हुए पाए गए थे कि वे दिल्ली से बयान देने के लिए रायपुर आए हैं  | यहां तक उनके केस की पैरवी करने के लिए भी दिल्ली से महंगे वकील छत्तीसगढ़ पहुंचे थे | इधर निलंबन के बाद से  मुकेश गुप्ता का  ज्यादातर समय दिल्ली ही बीत रहा है | एक बार तो दिल्ली के खान मार्केट में इस अफसर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेहद करीबी और प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह भी साथ दिखाई दिया था | 

SHASHIKANT SAHU
SHASHIKANT SAHUhttp://www.newstodaycg.com
Shashikant Sahu shashikant.sahu@newstodaycg.com
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