जिले में बंद हो सकते हैं 50 से अधिक उद्योग, आर्थिक मंदी व कोरोना संक्रमण के चलते हालत पतली, बाजार में भी नही है उत्पादन की मांग, मजदूरों को लेकर भी हो रही है समस्या- संजय

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रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना

रायगढ़ / कोरोना संक्रमण के चलते जहां पूरे देश में पहले लॉकडाउन उसके बाद अब अनलॉक प्रक्रिया खामियाजा छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तो उठा ही रहे हैं वहीं इसका सीधा प्रभाव उद्योगों पर भी पड़ा है। स्थिति यह है कि बाजार में पहले आर्थिक मंदी और अब कोरोना के चलते उत्पादन में गिरावट और गिरती मांग के चलते घाटे में चल रहे 50 से अधिक उद्योगो में कभी भी ताला लटक सकता है। उद्योगों में कामकाज लगभग 50 प्रतिशत के आसपास हो रहा है और यही स्थिति रही तो जल्द ही इनके प्रबंधक घाटे के चलते बंद करने से भी नही चूकेंगे। स्पंज आयरन के पूर्व अध्यक्ष संजय अग्रवाल की मानें तो अनलॉक के बावजूद जिले के उद्योगों की हालत खराब है।

कच्चे माल की कीमत बढ़ गई है। बाजार में डिमांड कम होनें के साथ ही मजदूरों की कमी से सभी उद्योगपति परेशान है। खेती का सीजन होनें के कारण स्थानीय मजदूरों की कमी है। वहीं जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढऩे से और प्रोटोकॉल के कारण बाहरी कुशल कामगार आने से डर रहे हैं। उद्योग संघ के लोग कहते हैं 31 अगस्त तक स्थिति नही सुधरेगी तो प्रोडक्शन बंद कर देंगे। संजय अग्रवाल ने बताया कि जैसे-तैसे स्थिति से उभरने की कोशिश की जा रही थी लेकिन अब कुशल मजदूरों के नही आने से काफी परेशानी हो रही है और स्थानीय मजदूरों के भरोसे उत्पादन ठीक से हो रहा है लेकिन इन्हें ट्रेनिंग की जरूरत है और इसके लिए प्रबंधन प्रशासन की पहल पर आगे की योजना भी बना रहा है।

ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के बाद उन्हें कुशलता से काम करने का भी अवसर मिले। उनका कहना है कि टेकनिकल जानकारी के अभाव में स्थानीय श्रमिक का सहयोग मिल तो रहा है लेकिन उद्योगों में कई ऐसे महत्वपूर्ण काम होते हैं जिन्हें जानकार व कुशल श्रमिक ही चला सकते हैं। स्पंज आयरन एसोसिएशन का यह प्रयास है कि स्थानीय मजदूरों के प्राथमिकता के आधार पर टे्रनिंग देकर उन्हें और अधिक कुशल बनाए।

पूंजीपथरा इंडस्ट्रीयल पार्क में कच्चे माल के दाम बढऩे और तैयार उत्पाद की मांग कम होनें के बाद उद्योगों में 17 से 31 अगस्त तक सारे प्लांट में प्रोडक्शन 50 फीसदी कर दिया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन और मार्केट में मंदी होनें की वजह से प्रोडक्शन पर असर पड़ा है, ऐसे ही हालत रहे तो 31 अगस्त के बाद प्रोडक्शन बंद किया जाएगा। जिले के दूसरे कुछ उद्योगों में प्रोडक्शन 50 फीसदी तक हो रहा है। जबकि पहले स्थिति 70 प्रतिशत तक पहुंच गई थी और अब धीरे-धीरे श्रमिकों के अभाव से उत्पादन व बाजार में घटती मांग के चलते प्रोडक्शन 50 प्रतिशत तक हो रहा है और आगे स्थिति और बिगड सकती है।

संजय अग्रवाल का कहना है कि प्लांट्स की डिमांड पर उद्योग विभाग ने प्रशासन से अनुमति लेकर 500 से अधिक कर्मचारियों को बुलाने की अनुमति दी। इसके बाद क्वारंटाईन नियमों, जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण बाहर से कुशल श्रमिक और टेक्नीशियन कम आए हैं। कुछ उद्योगों की अनदेखी और बाहर से आए श्रमिकों के संक्रमित पाए जाने के बाद पिछले हफ्ते कलेक्टर ने बाहरी श्रमिक बुलाने पर महीनेभर के लिए रोक लगा दी है। इसका फर्क सभी उद्योगों पर पड़ा है।

स्पंज आयरन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि स्पंज आयरन उद्योगों में जिन लोगों को रोजगार कैंप के जरिए नौकरी दिलाई गई थी वे लोग काम पर आ ही नही रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खुद 45 प्रवासी लोगों को काम दिया था, लेकिन उसमें से अधिकांश लोगों ने काम नही किया, अभी सिर्फ दो-तीन लोगों ही काम कर रहे हैं।

खेतों में लगे हैं मजदूर इसलिए उद्योग नही जा रहे

उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के जीएम संजीव सुखदेवे का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोग जो बाहर जाते हैं वे इस मौसम में लौटकर खेती के काम में लग जाते हैं। उद्योगों के अलावा दूसरे काम में उनकी रूचि कम रहती है। स्किल मैपिंग कर हम कैंप लगाकर उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। आने वाले दिनों में जो लोग आएंगे उन्हें भी काम दिलाया जाएगा।

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