मुंबई / मुंबई पुलिस के एक दर्जन अधिकारियों पर सीबीआई का शिकंजा कस सकता है | इनमे से दो आईपीएस अधिकारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है | बताया जा रहा है कि आईपीएस अधिकारियों की कार्यप्रणाली संतोषप्रद नहीं पाई गई है | संभवतः कार्य में लापरवाही के मामले में आरोपित कर इन्हे कम्पलसरी रिटायरमेंट भी दिया जा सकता है | सूत्र बता रहे है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर एवं एक अन्य आईपीएस अधिकारी की सीआर तलब की गई है | माना जा रहा है कि डीओपीटी के राडार में ये दोनों अफसर है | जबकि राज्य पुलिस सेवा के आधा दर्जन अफसरों के खिलाफ भी सीबीआई सबूत नष्ट करने , साजिश , और कार्य में लापरवाही के अलावा भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज करने की तैयारी में है | ये वो अफसर है , जिन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की लाश की बरामदगी के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल तक पहुँचाया था |
बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया | यही नहीं कूपर अस्पताल के उन पांच डाक्टरों पर भी गाज गिर सकती है , जिन्होंने सुशांत का पोस्टमार्टम तो किया , लेकिन साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर पोस्टमार्टम के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया | यह भी बताया जा रहा है कि सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पांच डॉक्टरों ने साइन किया है | लेकिन उसमे मौत का समय दर्ज नहीं है | कानून के जानकार बता रहे है कि यह आपराधिक लापरवाही कातिलों के इशारे पर की गई है | उनके मुताबिक मुंबई पुलिस ने जानबूझकर हत्या के मामले को आत्महत्या करार देने के लिए जांच के बिंदुओं को बदल दिया था | इसके चलते वो दो माह आठ दिनों बाद भी यह तय नहीं कर पाई कि सुशांत की मौत आत्महत्या है , या फिर उसकी हत्या की गई है | सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि सुशांत की मैनेजर रह चुकी दिशा सालियान की मौत की गुत्थी भी सीबीआई को सुलझाना होगा | इसी मामले से सुशांत की मौत पर से पर्दा हटेगा |
उधर सीबीआई के आज मुंबई पहुंचने के आसार है | बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस की केस डायरी और गवाहों के बयानों से ही साफ़ हो जा रहा है कि सुशांत की मौत स्वभाविक नहीं है | लिहाजा सीबीआई कत्ल , आपराधिक साजिश , और सबूत मिटाने की धाराओं के तहत मुंबई पुलिस के अफसरों , डॉक्टरों और कुछ फ़िल्मी कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है | इसमें रिया चक्रवर्ती और उसके परिजनों समेत सुशांत के दोस्त भी शामिल है | फ़िलहाल सुशांत की मौत और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर मुंबई का माहौल गरमाया हुआ है | ईडी ने फिल्म निर्माता रूमी जाफरी को तलब कर साफ़ संकेत दे दिए है कि बॉलीवुड में नंबर एक और नंबर दो की रकम का निवेश करने वाले की भी अब खैर नहीं |
उधर गुरुवार को शिवसेना ने दावा किया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले का राजनीतिकरण मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की छवि खराब करने के लिए हुआ है। शिवसेना ने पूछा कि यदि पटना में दर्ज की गई एफआईआर सही थी, तो यदि मामले से संबंधित अन्य पात्र पश्चिम बंगाल में एफआईआर दर्ज करते हैं, तो क्या कोलकाता पुलिस को इसकी जांच करने का अधिकार मिल जाएगा?
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार को टिप्पणी की है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा है कि हमने बारिशों में भी, जलते हुए मकान देखे हैं।
महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि मामले में मुंबई पुलिस की जांच अंतिम चरण में थी जब इसे रोक दिया गया और बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो को इसे सौंप दिया गया। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि भले ही अदालत को मुंबई पुलिस की जांच में कुछ भी गलत नहीं मिला लेकिन मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।