नई दिल्ली / देश विदेश में शास्त्रीय संगीत का परचम लहराने वाले प्रसिद्ध गायक पंडित जसराज नहीं रहे | राजस्थान के मेवाती घराने के पंडित जसराज का सोमवार को अमेरिका में निधन हो गया | वे 90 साल के थे | बताया जाता है कि पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली | पंडित जसराज के निधन से संगीत जगत शोक में डूब गया है |
28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज को संगीत विरासत में मिली थी | उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जिसकी चार पीढ़ियां संगीत से जुड़ी रहीं | चार साल की उम्र में ही पंडित जसराज के सर से पिता का साया उठ गया था | उनके पालन-पोषण का दायित्व बड़े भाई पंडित मणिराम की देख-रेख में हुआ | अपनी गायकी से देश विदेश में उन्होंने भारतीय संगीत कला और विशारत का प्रचार किया | उन्हें भारत सरकार ने पद्म पुरुस्कारों से भी नवाजा था |
पंडित जसराज के निधन के समाचार के बाद संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर उन्हें याद कराते हुए लगातार श्रद्धांजलि दी जा रही है। अपने जीवनकाल में उन्होंने मेवाती घराने के 76 सुशीष्य तैयार किए। इनका जिक्र लेखक सुनील बुद्धिराजा की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक रसराज-जसराज में मिलता है। उनकी पुत्री दुर्गा जसराज ने भी संगीत के साथ ही साथ टीवी के माध्यम से भी लोकप्रियता हासिल की।