कांग्रेस में राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में पारदर्शी चुनाव की मांग को लेकर फिर बवाल, वरिष्ठ नेता संजय झा का दावा, नेतृत्व बदलाव पर 100 नेताओं ने लिखी सोनिया को चिट्ठी

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दिल्ली / दिल्ली में कांग्रेसी गलियारों में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय झा का बयान ही नहीं बल्कि एक ब्यौरा काफी चर्चा में है | इस ब्यौरे में उन्होंने लगभग एक सैकड़ा उन नेताओं का हवाला दिया है जो कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने और पार्टी में लोकतंत्र बहाली की वकालत कर रहे है | कांग्रेस से निलंबित चल रहे संजय झा ने आज पार्टी के नेतृत्व को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के करीब 100 नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेतृत्व बदलने के लिए चिट्ठी लिखी है। संजय झा ने यह भी दावा किया कि चिट्ठी लिखने वालों में कांग्रेस पार्टी के सांसद भी शामिल हैं।

उन्होंने इसे ट्वीट भी किया | झा ने ट्वीट कर कहा कि ‘करीब 100 कांग्रेस नेता पार्टी में मामलों की दशा से व्यथित हैं। इन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में पारदर्शी चुनाव की मांग की गई है।’ संजय झा के इस दावे और बयान के बाद कांग्रेस में बवाल मच गया है |

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पार्टी मुख्यालय से लेकर विभिन्न राज्यों के बड़े नेताओं के बीच उस पत्र को लेकर खलबली मच गई है | मामले को तूल पकड़ता देख आनन फानन में पार्टी को इस मामले में प्रतिक्रिया जाहिर करनी पड़ी है |

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ऐसे किसी भी पत्र की बात को सिरे से नकार दिया है। सुरजेवाला ने मामले को ट्विस्ट करते हुए कहा कि भाजपा-फेसबुक ग्रुप से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के पत्र की बात की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा कोई पत्र असलियत में है ही नहीं। 

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि फेसबुक-भाजपा लिंक से ध्यान हटाने के लिए ऐसे दावे किए जा रहे हैं। उधर झा के बयानों को कवर करने के लिए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र बरकरार है |

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उन्होंने कहा कि पार्टी ने ऐसे नेताओं को पत्र लिखने की पूरी आजादी दी है। ऐसे नेता भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं। फ़िलहाल सांसदों और नेताओं का पत्र अभी मीडिया के हाथों में नहीं आया है | मामला संजय झा के बयानबाजी तक सीमित है | लेकिन पार्टी के जो नेता संजय झा से वाकिफ है, उनका दावा है कि झा कभी भी बेबुनियाद तथ्यों पर बयानबाजी नहीं करते | अब देखना होगा कि संजय झा इस मामले को लेकर चुप्पी साधेंगे या उस पत्र को भी सावर्जनिक करेंगे |