भारत – बांग्लादेश बॉर्डर पर दुर्लभ टूकेन पक्षियों का रैन बसेरा, अमेरिका में पाए जाने वाले इस राष्ट्रीय पक्षी की भारत में मौजूदगी हैरत करने वाली, 15 लाख रुपये जोड़े वाले इस कीमती पक्षी की तस्करी भी जोरो पर

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कोलकाता / भारत – बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के उत्तरी हिस्से में बीएसएफ को बड़े पैमाने पर टुकेन पक्षियों की तस्करी का पता चला है | इस इलाके की प्राकृतिक छठा में टुकेन पक्षियों का पाया जाना हैरान करने वाला है | यहाँ के जंगलों में टुकेन पक्षी, कील-बिल्ड टूकेन प्रजाति के पाए जाने से इसकी तस्करी भी शुरू हो गई है |

अमेरिका में इसे सल्फर-ब्रेस्टेड टूकेन या रेनबो-बिल्ड टूकेन के रूप में भी जाना जाता है | यह टुकेन परिवार का एक रंगीन लैटिन अमेरिकी सदस्य है | यह प्रजाति दक्षिणी मैक्सिको से कोलंबिया तक उष्णकटिबंधीय जंगलों में पाई जाती है | यह एक दुर्लभ पक्षी है जो मध्य अमेरिकी देश बेलीज का राष्ट्रीय पक्षी भी है |

बताया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन पक्षियों की कीमत कम से कम 15 लाख रुपये जोड़ा आंकी जाती है | बीएसएफ के जवानों ने एक तस्कर के पास से इन पक्षियों को जब्त कर कोलकाता के अलीपुर में स्थित जूलॉजिकल गार्डन को सौंप दिया है |

बताया जाता है कि एक सूचना के बाद बीएसएफ के जवान जब मौके पर पहुंचे तो वहां उन्हें कुछ संदिग्ध लोग दिखाई दिए | संदिग्ध बीएसएफ जवानों को देखकर उनके हाथों में रखा एक पिंजरा फेंक कर भाग गए | पिंजरे में दुर्लभ टूकेन पक्षी का एक जोड़ा था | बीएसएफ के जवानों ने ये दोनों पक्षियों को अपने कब्जे में लेकर अधिकारीयों को सौंपा |

जानकारी के मुताबिक 13 अगस्त 2020 को खुफिया सूचना पर कार्यवाही करते हुए बीएसएफ के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक हलदर पारा गांव में दस्तक दी थी | इस इलाके के जंगलों के आसपास के क्षेत्रों में एक विशेष तलाशी अभियान के दौरान पक्षियों की तस्करी का मामला सामने आया | यह गांव पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में आता है |

हालाँकि तस्कर भागने में कामयाब रहे | लेकिन इन पक्षियों का सुराग देकर उन्होंने पर्यावरणविदों की आंखे खोल दी | दरअसल भारतीय प्राकृतिक वातावरण में टुकेन पक्षियों का फलना -फूलना अच्छा संकेत माना जा रहा है |