घर में ट्रिब्यूनल, मुकेश अंबानी परिवार ने फैमिली कौंसिल, उत्तराधिकार और अन्य मामलों को लेकर भविष्य में पारिवारिक सदस्यों के बीच नहीं होगा कोई विवाद, देश के लाखों औद्योगिक घरानों और परिवारों के लिए नजीर साबित होगा यह कदम

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मुंबई / घर में ट्रिब्यूनल सुनकर आप भले ही हैरत में पड़ जाये, लेकिन मौजूदा दौर में यह वो मूल मंत्र है, जो आने वाली पीढ़ी को कोर्ट कचहरी और कई तरह के विवादों से बचाएगा | रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी एक ‘फैमिली कौंसिल’ यानी पारिवारिक परिषद बनाने जा रहे हैं ताकि उनके कारोबार को अगली पीढ़ी तक आसानी से ट्रांसफर किया जा सके | यही नहीं इस कवायत से अंबानी परिवार ना केवल व्यर्थ के विवादों से बचेगा, बल्कि पारिवारिक सदस्यों के बीच मधुर संबंध बने रहेंगे |

फैमिली कौंसिल में अंबानी के तीनों बच्चे आकाश, ईशा और अनंत के साथ ही परिवार का एक बुजुर्ग सदस्य होगा, जो सभी मामलों को हल करेगा | यही नहीं फॅमिली कौंसिल का फैसला सभी पर बंधनकारी होगा | इसे घर का कानून माना जायेगा | कौंसिल के फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी | हालांकि अभी इस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है |

खबर है कि अंबानी के तीनों बच्चों के अलावा इस कौंसिल में परिवार अथवा उससे बाहर का भी एक सदस्य हो सकता है | परिवार के बाहर का सदस्य मेंटोर और सलाहकार का काम करेगा | गौरतलब है कि मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी के बीच रिलायंस की विरासत को लेकर काफी लंबे समय तक विवाद चला था | इसमें अदालती कार्रवाई से लेकर क़ानूनी दांवपेचों तक की नौबत आई थी | लिहाजा भविष्य में ऐसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए माना जा रहा है कि मुकेश अंबानी ने यह कौंसिल बनाने का निर्णय लिया हो |

भविष्य में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान मुकेश अंबानी के बच्चों के हाथ में होगी | जाहिर है इतनी बड़ी संपदा की बाद में हिस्सेदारी को लेकर विवाद भी हो सकता है | मुकेश अंबानी की संपदा 80 अरब डॉलर के आसपास है | वे दुनिया के टॉप- 5 पूंजीपतियों में से एक है | अंबानी परिवार के मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि अगले साल के अंत तक मुकेश अंबानी अपने बिजनेस अंपायर का उत्तराधिकारी तय कर लेंगे |भविष्य में उत्तराधिकार के लिए किसी तरह के विवाद होने पर इस कौंसिल के द्वारा रास्ता निकाला जाएगा और सहज ट्रांसफर की कोशिश सफल हो सकती है |

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गौरतलब है कि साल 2002 में धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद रिलायंस की विरासत को लेकर मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में कई साल तक विवाद चला था | कई साल की मशक्कत और मां कोकिला बेन की दखल के बाद कंपनी को दो हिस्सों में बांटा गया | मुकेश अंबानी को मिला रिलायंस इंडस्ट्रीज का बिजनेस मिला, जबकि अनिल अंबानी के हिस्से में कम्युनिकेशन, पावर, फाइनेंशियल बिजनेस आया | फैमिली कौंसिल का फार्मूला बेहद कारगर माना जा रहा है | बताया जा रहा है कि इस तरह की कौंसिल से अदलतों में मामलों का बोझ भी कम होगा |