BSNL कर्मचारी गद्दार , जाएगी 88,000 की नौकरी , पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनंत कुमार हेगड़े का दावा – BSNL देश पर एक धब्बा है क्योंकि पैसा, बुनियादी ढांचा और बाजार उपलब्ध कराने के बाद भी टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारी काम करने से मना कर देते हैं , उपभोक्ताओं ने भी BSNL को फटकारा

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नई दिल्ली / BSNL कंपनी का क्या हाल है , ये भुक्तभोगी ही बता सकते है | टेलीफोन लाइन हो या फिर मोबाइल सर्विस | एक बार BSNL का दामन थामने के बाद उपभोक्ता इतना परेशान होता है कि वो दोबारा उसकी ओर रुख ही नहीं करता | यही नहीं सेवाओं को लेकर बीएसएनएल में किया गया फोन या प्रत्यक्ष संपर्क भी अक्सर भारी पड़ता है | केंद्र सरकार का यह वो विभाग है जो अपनी विश्वसनीयता खो चूका है | उपभोक्ताओं की माने तो BSNL देश के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है | इससे प्रतिमाह सरकारी तिजोरी पर करोड़ों का नुकसान हो रहा है | वही दूसरी ओर आमदनी चव्वनी भी नहीं और खर्चा रुपैय्या जैसी कार्यप्रणाली के चलते देश में BSNL पर उपभोक्ता “भूल से भी ना लगाना” जैसे तंज कसते है |

उपभोक्ताओं के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर कन्नड़ सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने काम न करने वाले BSNL के कर्मचारियों को गद्दार और देशद्रोही कहा है | हेगड़े ने यह बयान 10 अगस्‍त को उत्‍तर कन्‍नड़ा संसदीय क्षेत्र स्थित कुमता में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था | उनके इस बयान की व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है | उपभोक्ताओं ने उनके इस बयान का समर्थन किया है | उपभोक्ताओं के मुताबिक सरकारी BSNL और गैर सरकारी किसी भी मोबाइल कंपनी की तुलना की जाए तो वे सभी अपने कार्यों और सेवाओं के प्रति सजग नजर आती है |    

अनंत हेगड़े का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है | इसमें सांसद हेगड़े ये कहते हुए दिख रहे हैं कि सरकारी स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड देश पर एक धब्बा है क्योंकि पैसा, बुनियादी ढांचा और बाजार उपलब्ध कराने के बाद भी टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारी काम करने से मना कर देते हैं | वीडियो में हेगड़े कह रहे हैं, “इसका एकमात्र इलाज निजीकरण ही है, जो हमारी सरकार करेगी | कुछ 88,000 लोगों को निकाल दिया जाएगा और बाद में और लोगों को भी निकाला जाएगा |” 

उधर विपक्षी दल कांग्रेस ने हेगड़े के इस बयान की आलोचना की है | पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार हर चीज का निजीकरण करना चाहती है | कांग्रेस ने अंदेशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे ये संकेत मिलता है कि सरकार शासन चलाने में असमर्थ है | और वो BSNL को बेचना चाहती है |  

अनंत हेगड़े का बीएसएनएल पर ये हमला अपना रंग दिखाने लगा है | ये पहली बार नहीं है जब हेगड़े ने चटपटी बयानबाजी की हो | इससे पहले वो महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन को ड्रामा बता चुके हैं | वर्ष 2018 में भी उन्होंने संविधान संशोधन कर प्रस्तावना में से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने की बात भी कही थी | हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए रहा था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है | फ़िलहाल बीएसएनएल को देश के लिए काला धब्बा बताने वाला उनका यह बयान तूल पकड़ रहा है |