राजस्थान में सुबह का भूला शाम को घर लौटने की तैयारी में , सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात का मांगा समय , कांग्रेस-बीजेपी में फिर हुई हलचल तेज   

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जयपुर / राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश रचने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यू-र्टन लेते हुए एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान से संपर्क साधा है। गहलोत सरकार की ओर से दर्ज राजद्रोह की केस फाइल एसओजी की ओर से बंद किए जाने को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किसी बड़े गेम प्लान की अटकलों के बाद अब पायलट ने नया दांव खेला है। पायलट ने अब राहुल से मिलने का समय मांगा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी से बगावत करने वाले 18 विधायकों के साथ पायलट ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें राहुल की ओर से अभी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ऑफिस की ओर से पायलट को अभी तक समय नहीं दिया गया है।

सचिन पायलट से राहुल गांधी की मुलाकात अगले एक-दो दिन में होने की उम्मीद है। 14 अगस्त को शुरू होने वाले राज्य विधानाभा के सत्र से पहले ये मुलाकात होगी। सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट की पिछले दो दिन में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल व संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल से मुलाकात हुई है। सचिन पायलट की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से टेलीफोन पर बात होने की सूचना भी है। कुछ अन्य मध्यस्थों से हुई चर्चा के बाद सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। उधर पार्टी आलाकमान का रूख देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खेमे के विधायकों से कहा, राजनीति में कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बाद दिल पर पत्थर रखकर फैसले करने पड़ते हैं। 

सोमवार को जैसलमेर से जयपुर रवाना होने से पहले गहलोत ने अपने विश्वस्त मंत्रियों व विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया। इससे पहले रविवार शाम को हुई विधायकों की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य विधायकों ने बागियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इन्हे अब कभी वापस नहीं लिया जाना चाहिए। इस पर गहलोत ने कहा कि हमें आलाकमान के फैसले का सम्मान करना है। आलाकमान जो भी फैसला करेंगे, उसे हम मानेंगे।  गहलोत ने कहा कि राजनीति में कई बार नहीं चाहते हुए भी कई बातें माननी पड़ती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बागियों को कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए वापस आना चाहिए ।  

उधर, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि बागी विधायक अगर फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के पक्ष में वोट करते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। रघुवीर मीणा के बयान को सुलह की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस कोशिश कर रही है कि 14 अगस्त से पहले किसी भी फॉर्मूले पर बात बन जाए और पायलट वापसी के लिए तैयार हो जाएं, ताकि फ्लोर टेस्ट से पहले ही सरकार को सुरक्षित किया जा सके।   

इधर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में दबिश देकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात शुरू कर दी है | इसे लेकर राजस्थान का राजनीतिक गलियारा गरमाया हुआ है | यह भी जानकारी है कि वसुंधरा समर्थक दर्जन भर विधायकों को पार्टी ने गुजरात भेजा है |  वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में मचे घमासान पर एक लंबे वक्त तक इस चुप्पी साध रखी थी | उन्होंने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले थे | लेकिन दिल्ली में अचानक डेरा डालने से बीजेपी में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है |