कोरोना काल में पीड़ितों का सहारा बना RSS, प्लाज्मा डोनेशन से लेकर अंतिम संस्कार कराने तक की जवाबदारी उठा रहे स्वयं सेवकों पर एक नजर

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दिल्ली / आरएसएस अर्थात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को भले ही कोई राजनैतिक दल उसके नेता और संगठन बुरा बोले और उसकी गतिविधियों पर उंगली उठाये | लेकिन मौजूदा कोरोना वायरस काल के मुश्किल दौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोगों की मदद के लिए आगे आया है. हालाँकि यह पहला मौका नहीं है जब वो महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए सामने आया हो | इसके पूर्व सैकड़ों प्राकृतिक घटनाओं और आपदाओं में स्वयं सेवक सड़कों और मैदानों में देखे गए है |

सराहनीय कदम यह है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बेंगलुरु, गुवाहाटी और सूरत में प्लाज्मा डोनशन और उसे अरेंज करने के मामले में आरएसएस सबसे आगे है | उसके स्वयं सेवक दिल खोलकर लोगों की सहायता कर रहे है | बिहार या देश के दूसरे राज्यों में माइग्रेंट्स के लिए शेल्टर खोलने और मजदूरों की आवाजाही और इलाज के लिए भी हर काम में संघ बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है.

आरएसएस ने पश्चिम बंगाल के कई संक्रमित इलाकों में फूड पैकेट्स बांटे | कर्नाटक में मास्क और सेनेटाइजर का वितरण किया | केरल में छात्रों की वर्चुअल क्लासेज के लिए टीवी सेट डोनेट किए गए | उसकी सहायता की श्रृंखला यही नहीं थमी, महाराष्ट्र में पीड़ितों के अंतिम संस्कार का प्रबंधन भी उसके द्वारा किया गया |

कोरोना काल में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राष्ट्रव्यापी स्वयं सेवकों के नेटवर्क ने रणनीति के तहत समाज सेवा का काम अपने हाथों में लिया है | न्यूज़ टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आरएसएस सेवा विभाग के प्रभारी पराग अभयंकर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान करीब पांच लाख वॉलंटियर्स ने 4.66 करोड़ फूड पैकेट्स बांटे हैं और 44.86 लाख माइग्रेंट्स की मदद की गई है. इतना ही नहीं जबसे लॉकडाउन खत्म हुआ है, तब से हमारी कोशिश है कि मजदूरों को उनकी नौकरी वापस दिलाने में मदद की जाए.

पराग अभयंकर के अनुसार, लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा स्वयं सेवको से राहत कार्य चालू करने की अपील कई गई थी. उन्होंने कहा था कि हमारी सेवा बिना पक्षपात के होने चाहिए. इसलिए सेवा एक दायित्व नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य है. उन्होंने बताया कि सेवा विभाग ने पांच महीने में 92 हजार राहत केंद्र, 483 मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर, 60 हजार कार्यकर्ताओं ने ब्लड डोनेट किया | उनके मुताबिक करीब 73.8 लाख राशन किट बांटी गईं |

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उन्होंने बताया कि संक्रमण काल में जन सेवा के इस अभियान में उनके कई स्वयं सेवक संक्रमित भी हुए | उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके ज्वॉइंट पब्लिसिटी चीफ सुनील अंबेकर कोरोना वायरस संक्रमित हुए और चार की मौत भी हुई. जिन लोगों की कोरोनावायरस के कारण मृत्यु हुई, उनमें दो मध्य प्रदेश, एक महाराष्ट्र और एक बिहार के शामिल हैं | उन्होंने कहा कि आरएसएस का मूल कार्य जनसेवा और देश निर्माण है | इसके कारण ही प्रत्येक राज्य में लोग संघ से जुड़ रहे है |