नैनीताल / भारत से लगभग लुप्त हो चुके कोरल कुकरी सांप को उत्तराखंड के नैनीताल में देखा गया है | अत्यंत ही दुर्लभ प्रजाति का यह सांप एक घर में मिला | यह वहां कैसे पहुंचा, इसकी पड़ताल हो रही है | हालॉकि घर वालों की सूचना के बाद वन विभाग ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है | इस दुर्लभ कोरल कुकरी सांप का रंग पूरी तरह लाल होता है | आमतौर पर यह ठंडी पहाड़ियों में पाया जाता है | लेकिन कई सालों से यह किसी को नजर नहीं आया | करीब 84 साल बाद जब उत्तराखंड में यह दिखा तो लोगों को हैरत हुई |
नैनीताल के जिस घर में यह सांप छिपा हुआ था उसके आसपास वन विभाग की टीम ने निगरानी बढ़ा दी है, ताकि यदि उस इलाके में कोरल कुकरी और भी हो तो उन्हें पकड़ा जा सके | वन अधिकारियों के अनुसार, इस दुर्लभ सांप को पहली बार 1936 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी क्षेत्र में देखा गया था | अधिकारीयों के मुताबिक इसका वैज्ञानिक नाम ‘ओलिगोडोन खेरिएन्सिस’ है | इस सांप को कुकरी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि उसके दन्त गोरखाओं के कुखरी या चाकू की तरह घुमावदार होते हैं |’
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‘ओलिगोडोन खेरिएन्सिस’ सांप मिलने के बाद नैनीताल के DFO नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि “गौला वन रेंज टीम को नैनीताल जिले के कुररिया खट्टा गांव के निवासी कविंद्र कोरंगा ने सुबह एक सांप से बचाव के लिए मदद मांगी थी |” त्रिपाठी ने कहा कि सांप को मौके से कब्जे में लेने के बाद, यह टीम आश्चर्यचकित थी | उत्तराखंड में अब तक उसे केवल दो बार देखा गया है | दरअसल ”यह दुर्लभ सांपों में से एक कोरल कुकरी था | उन्होंने बताया कि इस सांप को टीम ने जंगल में छोड़ दिया है |”