कोरोना संक्रमण के रोकथाम की दवा खोज कर ये 3 प्रोफेसर रातोरात बन गए करोड़पति, एक ही रात में कमाए 15-15 करोड़, चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल पुरुस्कार के हक़दार भी बने, वैज्ञानिकों की कंपनी के शेयर भी उछाल पर, एक ही रात में 3 हज़ार रुपये बढ़ा दाम

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दिल्ली वेब डेस्क / दुनिया के कई देशों में फ़ैल चुकी कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए ब्रिटेन के तीन यूनिवर्सिटी प्रोफेसर रटको जुकानोविक, स्टीफन होलगेट और डोन्ना डेविस चिकित्सा के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबल पुरुस्कार के हक़दार बन गए है | यही नहीं ये तीनों कोरोना की एक दवा खोजकर रातोरात करोड़पति बनने वाले शख्स भी है | दरअसल प्रोफेसर रटको जुकानोविक, स्टीफन होलगेट और डोन्ना डेविस की कंपनी Synairgen के शेयर के दाम में एक ही रात में काफी अधिक ऊपर चढ़ गए | उनके शेयरों में इतना उछाल आया की एक ही रात में शेयर का दाम 3 हजार फीसदी बढ़ गया है |

जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर रटको जुकानोविक, स्टीफन होलगेट और डोन्ना डेविस ने सिनैरजेन नाम की एक कंपनी बनाई थी | कोरोना काल में इसी कंपनी ने कोरोना वायरस की एक दवा का ट्रायल भी किया था | इस दवा ने मरीजों पर अच्छा असर डाला | इसके ट्रायल में पता चला कि जिन मरीजों को दवा दी गई उनमें से 79 फीसदी मरीजों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने की आशंका काफी कम हो गई थी | इससे संक्रमण रोकने में काफी मदद मिली |

जानकारी के मुताबिक असल में ब्रिटेन की साउथैंपटन यूनिवर्सिटी के मेडिसीन स्कूल के तीनों प्रोफेसर ने करीब 20 साल पहले ही यह खोज की थी | अपनी रिसर्च में उन्होंने पाया था कि अस्थमा और क्रोनिक लंग डिजीज के मरीजों में इन्टरफेरोन बीटा नाम के प्रोटीन की कमी होती है | यह प्रोटीन कॉमन कोल्ड से लड़ने में मदद करता है | प्रोफेसरों ने पाया कि जिस प्रोटीन की कमी है उसे अगर पूरा कर दिया जाए तो वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मरीज को मदद मिलेगी और वो स्वस्थ हो जायेगा |

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बताया गया कि ट्रायल के दौरान सीधे मरीज के फेफड़ों में SNG001 दवा दी गई. इस दौरान मरीज के रिकवर होने की संभावना 2 से तीन गुना अधिक हो गई | इस ट्रायल में 101 लोगों को शामिल किया गया था | कोरोना महामारी शुरू होने के बाद कंपनी ने फरवरी और मार्च में Interferon Beta प्रोटीन वाली दवा SNG001 का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था | इसी हफ्ते ट्रायल के शुरुआती रिजल्ट प्रकाशित किए गए है | जो कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर अन्य रिसर्च में भी काफी मददगार साबित हुए है |