मुंबई वेब डेस्क / राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच महाराष्ट्र में भी ऑपरेशन लोटस की सुगबुगाहट तेज हो गई है | एनसीपी के अलावा शिवसेना और कांग्रेस के कई विधायक सरकार से नाराज चल रहे है | दरअसल शिवसेना के कई विधायक कांग्रेस सरकार के साथ पटरी नहीं बैठ पाने के कारण खफा है, तो कांग्रेसी विधायक शिवसेना की विचारधारा से | इस बीच सत्ता में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए एनसीपी के कई विधायक हाथ -पैर मार रहे है | तीनों ही दलों के असंतुष्ट खेमे को राजस्थान एपिसोड से काफी उम्मीदे है | उनके रुख को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नीदं उड़ गई है |
उधर एक इंटरव्यू में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी घबराहट मीडिया के सामने जाहिर की है | उन्होंने कहा है कि जिस किसी को मेरी सरकार गिरानी है वो गिराए, मैं अभी देखता हूं | उन्होंने कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है | पर स्टेरिंग मेरे ही हाथ में है | बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा | उद्धव ठाकरे को आशंका है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसा एपिसोड महाराष्ट्र में भी हो सकता है |
उद्धव ने कहा कि मैं गरीबों के साथ ही खड़ा रहूंगा | मेरी यह भूमिका मैं बदलता नहीं हूं | कोई ऐसी सोच न बनाए कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा | उद्धव ने अपनी ही पार्टी शिवसेना के मुखपत्र सामना से बात करते हुए इस तरह के वक्तव्य दिए है | राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि महाराष्ट्र सरकार बचाने के लिए सामना में सीएम ने इस तरह से चेतावनी दे कर बीजेपी को आगाह किया है | उद्धव ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, लेकिन रास्ता निकालेंगे |
विपक्ष का ऑपरेशन लोटस महाराष्ट्र में सफल होगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में महाराष्ट्र सीएम ने जबरदस्त तल्खी दिखाई है | उन्होंने कहा कि करके देखो ना | मैं भविष्यवाणी कैसे करूंगा? आप करके देखो | जोड़-तोड़ करके देखो | एक महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है कि ऐसा कोई भी विपक्षी नेता दिखाओ जो दूसरी पार्टी में जाकर सर्वोच्च पद पर पहुंचा है, मुख्यमंत्री बना है | सीएम उद्धव ने कहा कि आपको आपकी पार्टी में ऐसा क्या मिलता नहीं है कि आप दूसरी पार्टी में जाते हैं | कई जगह पर ऐसे उदाहरण हैं | ऐसे तोड़फोड़ होता है उसके पीछे ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ यही नीति सबने अपनाई है | उद्धव ने गर्मजोशी के साथ इस सवाल का जवाब दिया |
उधर विपक्ष के तीन पहियों वाली सरकार के आरोप पर उद्धव ने कहा कि सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है | मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा | लोग मेरे साथ हैं इसलिए मैं बुलेट ट्रेन ले आऊं, ऐसा नहीं है, जब तक कि वो सर्वमत से ना हो | इसलिए तीन पहिया तो तीन पहिया | वह एक दिशा में चलती है ना | फिर आपका पेट क्यों दुखता है?
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उन्होंने बीजेपी पर पटलवार करते हुए सवाल पूछा कि केंद्र में कितने पहिये हैं? हमारी तो ये तीन पार्टियों की सरकार है | केंद्र में कितने दलों की सरकार है, बताओ ना? पिछली बार जब मैं एनडीए की मीटिंग में गया था, तब तो 30-35 पहिए थे | मतलब रेलगाड़ी थी |