अच्छी खबर : महाराष्ट्र में 400 साल पुराने एक पेड़ को बचाने के लिए नितिन गडकरी ने बदल दिया हाइवे का नक्शा, पर्यावरण बचाने और बहुमूल्य पौंधों के संरक्षण की दिशा में गडकरी का ठोस कदम

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सांगली वेब डेस्क / आमतौर पर विकास कार्यों के लिए पेड़ -पौंधों और जंगलों की बलि सरकार का चलन बन गया है | लेकिन अफसर और मंत्री सुनियोजित रूप से कार्य करे तो पेड़ -पौंधों को बचाया जा सकता है | हालाँकि सरकार अक्सर दावा करती है कि काटे गए पेड़ की तुलना में उसने किसी अन्य स्थान पर सैकड़ों पेड़ लगा दिए | उसका ये दावा कितना सच्चा -झूठा होता है, ये अफसर और विभाग जानता है | इस बार देश के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के एक प्रयास से पूरा गांव खुश है | दरअसल सड़क बनाने के लिए आड़े आ रहे इस पेड़ को काटने के लिए सरकारी अफसर जी जान से जुटे थे |

उधर इस पेड़ को बचाने के लिए पूरा गांव एकजुट हो गया था | इस बीच मामले की जानकारी जब नितिन गडकरी को लगी तो उन्होंने चुटकी हिलाते ही ग्रामीणों को राहत की साँस दे दी | गडकरी के एक निर्देश पर उस पेड़ की ओर से इन अफसरों ने अपनी आँखे फेर ली | नया नक्शा बना कर फ़ौरन रोड को कुछ अंतर पर मोड़ दिया | इससे प्राचीन बरगद का पेड़ बच गया | महाराष्ट्र के सांगली जिले के भोसे गांव का यह 400 साल पुराना बरगद का पेड़ इनदिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है | बताया जाता है कि सांगली में निर्माणाधीन नेशनल हाइवे का सर्विस रोड इस पेड़ के पास से गुजरता है |  इसलिए यह पेड़ काटकर रोड बनाई जा रही थी |

लेकिन स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया | लोगों का विरोध बढ़ता देख राज्य सरकार भी हैरत में पड़ गई | इतने पुराने पेड़ के बारे में जब राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को जानकारी लगी तो, उन्होंने तुरंत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात की | आदित्य ने गडकरी से इस पेड़ को बचाने की मांग की | उधर आदित्य ठाकरे से बात करने के बाद नितिन गडकरी ने इस पेड़ को बचाने के लिए अफसरों को निर्देश दिए | कुछ देर बाद अफसरों ने हाइवे के इस नक्शे में ही बदलाव करके ये प्रोजेक्ट पूरा करने का फैसला लिया है | 

बताया जाता है कि नेशनल हाइवे का निर्माणाधीन मार्ग रत्नागिरी- नागपुर हाइवे नंबर 166 सांगली जिले के भोसे गांव के पास से गुजर रहा है | अफसर इस पेड़ को काटने में तुले थे | उन्हें इसका कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था | दूसरी ओर ग्रामीण और पर्यावरणवादियों ने इस पेड़ को काटने का विरोध शुरू कर दिया था | लोगों का यह विरोध इतना अधिक फैल गया कि महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को इसमें दखल देना पड़ा | लोगों का यह प्रयास रंग लाया है | यह मामला उन इलाकों के लिए नजीर बन गया है जहाँ बगैर सोचे विचारे सड़कों के लिए अंधाधुन्द पेड़ काटे जा रहे है | 

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