कोरोना का खौफ इस कदर बढ़ा की पोस्टल सर्विस से भेजी गई ‘राखी’ भी लौटा दे रहे हैं महानगरों में बसे भाई, हैरत में बहने, लेकिन वायरस का डर ही ऐसा कि साध ली चुप्पी

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देहरादून वेब डेस्क / देवभूमि उत्तराखंड में राखी की वापस लौट रही डाक देखकर पोस्ट मैन और कोरियर वाले हैरत में है | वो मान बैठे है कि भाई और बहन के बीच प्यार के रिश्ते पर अब कोरोना का संक्रमण भारी पड़ गया है। वर्ना कोई भाई अपनी बहन दौरा भेजी गई राखी, को अस्वीकार करने की हिमाकत नहीं करता | पहाड़ों पर दूर दराज बसे गांव से लेकर शहरों तक सरकारी डाक और प्राइवेट कोरियर प्रेषक के पते पर वापस लौट रहे है | बताया जा रहा है कि बहनों से दूर रह रहे भाई अब संक्रमण के डर से उनकी राखियां भी लौटाने को मजबूर हैं।

जानकारी के मुताबिक अकेले रामनगर और आस-पास के क्षेत्रों में तीन हफ्तों के अंदर दो हजार से अधिक राखियां रिसीव न होने से डाकघर लौट आईं हैं | डाक घरों में रोजाना लगभग एक सैकड़ा से अधिक राखियां लौट रही हैं।

इनमें यहां से महानगरों में भाइयों को भेजी और वहां से रामनगर भेजी राखियां भी हैं। रक्षाबंधन तीन अगस्त को है। लिहाजा समय पर भाईयों को राखी पहुँचाने के लिए डाक विभाग जोर -शोर से जुटा है | त्यौहार को देखते हुए दूर रह रहे भाइयों को कई बहनों ने एक माह पहले से राखियां भेजना शुरू कर दिया था।

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लेकिन तमाम राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला | गांव और शहर दोनों इलाकों में संक्रमितों की संख्या रोजाना बढ़ने लगी | संक्रमण के नए नए ठिकाने मिलने से लोगों ने पैकेट बंद राखियां स्वीकार करने से भी परहेज करना शुरू कर दिया। अमूमन यह स्थिति सिर्फ उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देश की कई राज्यों की है |