बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा, हवा में भी कोरोना वायरस की मौजूदगी की थ्योरी के बाद इस नई स्टडी के सामने आने से फ्लेटों, मल्टी स्टोरीज और काम्प्लेक्स में रहने वाले हो जाये सतर्क, साफ़ हवा के चक्कर में आप कही नई मुसीबत में ना पड़ जाये, स्टडी के इन तथ्यों को पढ़ कर अपनी हिफाजत खुद करे, पढ़े इस खबर को

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दिल्ली वेब डेस्क / हवा में भी कोरोना के वायरस हो सकते है | इस स्टडी के बाद लोगों के मुँह में मास्क लगवाया गया | ताकि सिर्फ हवा ही नहीं बल्कि इर्द गिर्द मंडराने वाले व्यक्ति की छींक, खासी से भी बचा जा सके | लेकिन अब इस नई स्टडी ने उन लोगों की चिंता बढ़ा दी है जो ऊपरी मंजिलो में निवासरत है | बताया जा रहा है कि ऊंची इमारतों में रहने वालों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है | इसके पीछे कई कारण बताये जा रहे है | वैज्ञानिकों ने हवा में कोरोना वायरस के होने की स्टडी के बाद इस तथ्य का अध्ययन किया कि यह कैसे लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है| दरअसल मेडिकल गाइडलाइन का पालन करने और काफी सतर्क रहने के बावजूद वे कोरोना संक्रमित हो गए थे | अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि वे अपने घरों की ऊपरी मंजिल में हवा में फैले संक्रमण की चपेट में आ गए होंगे | यह खुलासा किया है स्कॉटलैंड की हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने |

हेरियट वॉट यूनिवर्सिटी में वॉटर एकेडमी के डायरेक्टर माइकल गॉर्म्ले ने अपने अध्ययन में पाया है कि बड़ी और ऊंची इमारतों में रहने वालों के लिए कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा कही ज्यादा है | उनके मुताबिक काम्प्लेक्स और मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग में पानी की सप्लाई एक ही जगह से होती है | क्योंकि उन्हें एक जगह से पानी की सप्लाई होती है. यही नहीं इमारत से निकलने वाला पानी और सीवरेज सप्लाई लाइन का भी एक ही सिस्टम होता है | इन स्थानों में कोरोना के वायरस ना केवल मौजूद हो सकते है बल्कि उनके पनपने और फैलने का खतरा ज्यादा है | उनके मुताबिक ये खतरा अस्पतालों में भर्ती लोगों के लिए भी है |

यूनिवर्सल साइंस डॉट कॉम में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इंसानों से इंसानों में संक्रमण फैलना सामान्य बात है | लेकिन पानी सप्लाई के जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना एक आसामान्य लेकिन संभव हो सकने वाला तथ्य है | वैज्ञानिक माइकल गॉर्म्ले ने कहा कि अगर किसी इमारत की प्लंबिंग सिस्टम में वायरस का संक्रमण फैलता है तो यह मुश्किल वाली बात हो सकती है | उन्होंने इस पर निगाह रखने और उन स्थानों को समय पर सेनेटाइज करने पर जोर दिया है |

माइकल ने अपने अध्ययन में इस तथ्य को शामिल किया है कि साल 2003 में हॉन्गकॉन्ग के एमॉय गार्डेन्स नाम की इमारत में सार्स वायरस ऐसे ही फैला था | इस एमॉय गार्डेन्स की इमारत में 33 से 41 मंजिले की कई इमारतें आपस में जुडी है | इनमें लगभग 19 हजार से ज्यादा लोग आज भी रहते है | उन्होंने बताया कि जब यहाँ सार्स वायरस तेजी से फैला तो इन इमारतों में रहने वालों में से 300 लोग संक्रमित हो गए थे | जबकि, 42 लोगों की मौत हो गई थी | ये सभी लोग इस वायरस से खुद के सुरक्षित होने का दावा करते थे |

इस रिपोर्ट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी रिपोर्ट में शामिल किया था | WHO के मुताबिक एमॉय गार्डेन्स में सार्स महामारी पानी सप्लाई वाली पाइपलाइन के जरिए फैला था | उनके मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सिंक और टॉयलेट में U आकार की पाइप लगी रहती हैं | इन पाइपों में जमा होने वाले पानी एयरबॉर्न डिजीसेस पनप जाती हैं |

उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सीवरेज से उठे सार्स के वायरस इमारतों के इन यू शेप पाइप में जाकर बैठ गए | जब पानी की सप्लाई हुई तो बहुत से लोग बीमार हो गए | माइकल गॉर्म्ले ने बताया कि हमने इस इमारत की स्टडी कई सालों तक की | हमने दो इमारतों की वाटर सप्लाई लाइन और सीवरेज लाइन की जांच की तो हमने यह निष्कर्ष पर पहुंचे थे |

माइकल के मुताबिक सार्स वायरस की तर्ज पर कोरोना वायरस भी मल्टी स्टोरीज में इस तरह से फैल सकता है | उन्होंने इसका कारण समझाते हुए बताया कि क्योंकि जब भी यू शेप पाइप से हवा टकराती है तो उसमें मौजूद वायरस पानी की छोटी बूंदों के जरिए भी बाहर निकलकर संक्रमण फैलाने में सहायक होते हैं |

इससे सिर्फ कोरोना वायरस ही अन्य संक्रामक बीमारियों के भी फैलने का खतरा रहता है | माइकल ने कहा कि अगर बाथरूम से बद्बू आए तो तुरंत पाइप लाइन की जांच कराएं | कभी भी टॉयलेट के यू शेप पाइप को खुला न छोड़ें | उसे सीलबंद कर दें |

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उन्होंने कहा कि अगर पाइपलाइन में कही क्रैक या दरार दिखाई दे तो उसे भी तुरंत बंद करवा दें | उन्होंने कोरोना वायरस के मद्देनज़र मल्टी स्टोरीज इमारतों में रहने वालों को आगाह किया है | उन्होंने बताया कि इनका मेंटनेंस करने वालों को चाहिए कि वो समय-समय पर इमारतों की पाइपों की जांच करे | वॉटर सप्लाई लाइन, पानी की टंकी के चारों ओर, पाइपों के जोड़ सीवरेज लाइन के दोनों ओर सेनेटाइज और डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव करे | उन्होंने मल्टी स्टोरीज में रहने वाले सभी लोगों से कहें कि अपने घरों की खिड़कियों, हवा के मार्गों और पाइप लाइन पर नज़र रखे, उसकी जांच कराएं |